हिमाचल प्रदेश में बारिश और लैंडस्लाइड का भारी कोहराम देखा जा रहा है. वैसे तो उत्तर भारत के सभी राज्य बारिश से त्रस्त हैं, लेकिन पहाड़ी इलाकों में कुछ अधिक ही नुकसान देखा जा रहा है. इसमें हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड प्रमुख हैं. हिमाचल प्रदेश में जब से मॉनसूनी बारिश का दौर शुरू हुआ है, तब से अब तक 43 लोगों की जान चली गई है. इतना ही नहीं, पूरे प्रदेश में बारिश की तबाही से 352 करोड़ रुपये की संपत्ति बर्बाद हुई है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में 24 जून को मॉनसून ने दस्तक दी है. तब से वहां लगातार बारिश हो रही है. इससे पहाड़ दरक रहे हैं, कहीं मिट्टी धंस रही है तो कहीं नदी-नाले उफान पर हैं. इससे जान-माल की भारी क्षति देखी जा रही है.
PTI की एक रिपोर्ट बताती है कि मॉनसून के पिछले दो हफ्ते में भारी बारिश और इससे जुड़ी घटनाओं में 79 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं जबकि चार लोग लापता हैं. लापता लोगों का कोई पता-ठिकाना नहीं मिल रहा और इन्हें ट्रेस करने में प्रशासन लगा हुआ है.
केंद्र के आपदा विभाग ने हिमाचल प्रदेश में बारिश से होने वाली जान-माल की क्षति की रिपोर्ट दी है. इसमें लैंडस्लाइड, बादल फटना और फ्लैश फ्लड शामिल हैं. इसके बारे में केंद्र सरकार की एजेंसी जानकारी देती है जिसके मुताबिक ऐसी घटना में एक व्यक्ति की मौत हुई है. दूसरी ओर, हिमाचल के आपदा विभाग ने बताया है कि बारिश से होने वाली दुर्घटना, पानी में बहने, मौसम खराब होने से आगलगी, सांप काटने, ऊंचाई से गिरने, और करंट लगने जैसी घटना में 42 लोगों की जान गई है.
केंद्र के अनुसार, इनमें से 17 की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई, आठ की ऊंचाई से गिरने के कारण और सात की मौत दुर्घटनावश डूबने से हुई. सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में गुरुवार रात एक गुरुद्वारे की छत गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए. मृतक की पहचान उत्तराखंड के हरिद्वार के मिलनदीप सिंह के रूप में हुई.
भारी बारिश के कारण चड़तगढ़ गांव के एक श्मशान में फंसे कुल 130 लोगों को निकाला गया. ये लोग एक खड्ड में बाढ़ आने से वहां फंस गए थे. अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीणों को अपनी जान बचाने के लिए जलती चिता को पानी में छोड़ना पड़ा और पास की छतों पर चढ़ना पड़ा. श्मसान में अचानक पानी आने से लोगों में अफरा-तफरी मच गई. अधिकारियों ने बताया कि करीब 168 सड़कें बंद हैं जिनमें से 107 को शुक्रवार रात तक बहाल करने की बात कही गई.
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सोलन जिले में कसौली-गढ़खल-धर्मपुर मार्ग गुरुवार शाम को दत्यार के पास लैंडस्लाइड के बाद वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया. स्थानीय लोगों ने कहा कि प्रभावित हिस्सा पिछले साल अगस्त में भी टूट गया था. उन्होंने शुक्रवार को बताया कि लैंडस्लाइड के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 5 (शिमला-चंडीगढ़) पर भी कुछ समय के लिए यातायात प्रभावित हुआ क्योंकि यह कसौली सड़क के ठीक नीचे है. ऊना के उपमंडलीय मजिस्ट्रेट विश्वदेव मोहन चौहान मौके पर पहुंचे और दमकल विभाग की मदद से ग्रामीणों को निकालने में मदद की, उन्होंने कहा कि उन सभी को बचा लिया गया.
गुरुवार रात से राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई, जिसमें शिमला में 50 मिमी, सराहन में 43.5 मिमी, मशोबरा में 37 मिमी, नाहन में 36 मिमी, ऊना और खड़ापत्थर में 31-31 मिमी, नारकंडा में 26 मिमी, सोलन में 22.5 मिमी, जुब्बरहट्टी और धौलाकुआं में 20 मिमी, कुफरी में 16 मिमी और भरमौर में 15 मिमी बारिश दर्ज की गई. स्थानीय मौसम विभाग ने आठ और नौ जुलाई के लिए कुल्लू, किन्नौर और लाहौल और स्पीति जिलों को छोड़कर, 12 जिलों में से नौ में अलग-अलग स्थानों के लिए बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
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