गेहूं-धान के मुकाबले 3 गुना मुनाफा दे रही बागवानी, करनाल के इंजीनियर ने खेती में अपनाई खास तकनीक

गेहूं-धान के मुकाबले 3 गुना मुनाफा दे रही बागवानी, करनाल के इंजीनियर ने खेती में अपनाई खास तकनीक

पिछले कुछ सालों में बागवानी, सब्‍जी, फल फूलों की खेती का चलन तेजी से बढ़ा है. किसान तगड़ा मुनाफा देखकर इन फसलों की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं. ऐसे ही हरियाणा के करनाल में एक इंजीनियर ने बागवानी शूरू की है, जिससे आसपास के किसान भी प्रेरित हो रहे हैं.

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गेहूं-धान के मुकाबले 3 गुना मुनाफा दे रही बागवानी, करनाल के इंजीनियर ने खेती में अपनाई खास तकनीकगेंदे की खेती

देश के किसान अब फूलों की खेती और बागवानी का महत्‍व समझ रहे हैं. हायर एजुकेशन हासिल कर खुद का स्‍थापित करने वाले लोग भी इन फसलों की खेती में हाथ आजमा रहे हैं. आज पढ़‍िए एक ऐसी ही कहानी... हरियाणा के करनाल में टेक बैकग्राउंड से आने वाले इंजीनि‍यर विक्रम कपूर बागवानी में तकनीक का इस्‍तेमाल कर नई इबारत लिख रहे हैं. वह पारंपरिक गेहूं और धान की खेती से अलग हटकर बागवानी फसलों- फूलों और नींबू की खेती कर रहे हैं. उनकी सफलता देखकर इलाके के अन्‍य किसान भी बागवानी के लिए प्रेरित हो रहे हैं.

नामचीन आईटी कंपनियों में काम कर चुके है विक्रम

करनाल के पबना हसनपुर गांव के रहने वाले विक्रम मराठवाड़ा विश्वविद्यालय से कंप्‍यूटर साइंस में बीटेक ग्रेजुएट हैं और सॉफ्टवेयर इंडस्‍ट्री में एचपी, ओरेकल, टाटा और विप्रो जैसी बड़ी नामचीन कंपनियों में काम कर चुके हैं. अब वे अपनी तकनीकी समझ का इस्‍तेमाल खेती में कर रहे हैं.

पांच एकड़ खेत में कर रहे खेती

विक्रम ने बताया कि वह अपने पांच एकड़ खेत में गेंदे और नींबू की फसल उगा रहे हैं. इन बागवानी फसलों में पारंपरिक गेहूं और धान की खेती की तरह ज्‍यादा लागत, कम मुनाफे और पानी की कमी जैसी समस्‍याओं का सामना नहीं करना पड़ता है. सा‍थ ही इन फसलों के मुकाबले गेंदे और नींबू से तीन गुना मुनाफा हासिल हो रहा है.

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सोशल मीडिया का कर रहे इस्‍तेमाल

विक्रम तकनीकी जानकार होने के चलते उपज की कटाई, पैकेजिंग और मार्केटिंग का मैनेजमेंट अच्‍छे से कर लेते हैं. वह सोशल मीडिया के जरि‍ए भी अपने उत्‍पाद की मांग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं. साथ ही उन्‍होंने खेत की सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रिक फेंसिंग और सीसीटीवी कैमरे भी लगवा रखे हैं, ताकि किसी प्रकार से नुकसान न पहुंचे. विक्रम गेंदे के अलावा, नींबू की खेती पर जोर तो दे ही रहे हैं. साथ ही अमरूद का बाग तैयार करने की भी प्‍लानिंग कर रहे हैं. विक्रम ने अपने खेत पर कई स्‍थानीय लोगों को स्‍थाई और अस्‍थाई तौर पर रोजगार भी दिया है.

हरियाणा-दिल्‍ली में करते हैं सप्‍लाई

विक्रम ने कहा कि बाजार में धार्मिक, सजावटी और कॉस्मेटिक यूज़ के लिए गेंद के फूल की काफी डिमांड रहती है. वह हरियाणा और दिल्ली में अपने फूलों की सप्लाई करते हैं. उन्‍होंने अगस्‍त में ही गेंदे की फसल लगाई थी, जिससे अक्टूबर और दिसंबर के बीच उन्‍हें प्रति एकड़ लगभग 100 क्विंटल पैदावार मिली. विक्रम खेत में हाइब्रि‍ड किस्‍म का गेंदा उगाते हैं. इलाके के अन्‍य किसान भी फूलों की सफल खेती और कम लागत में ज्‍यादा मुनाफे प्रेरि‍त होकर वि‍क्रम के पास फूलों की खेती की जानकारी लेने और मार्गदर्शन के लिए आ रहे हैं. 

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