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Success Story: यूपी के इस किसान ने खास तकनीक से ली मटर की पैदावार, डबल हुई कमाई, जानें कैसे?

Success Story: यूपी के इस किसान ने खास तकनीक से ली मटर की पैदावार, डबल हुई कमाई, जानें कैसे?

प्रगतिशिल किसान किसान रामशंकर कुशवाहा पारंपरिक तरीके से सिंचाई कर रहे थे. मगर उन्हें जानकारी मिली कि उद्यान विभाग द्वारा एक खास तकनीकी जो कि सिंचाई के काम मे लाभदायक है और जिसे स्प्रिंकलर कहा जाता है, उससे सिंचाई में बड़ी मदद मिलेगी. फिर कुशवाहा ने इस तकनीक की मदद ली.

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 मटर की खेती करने वाले हरदोई के किसान रामशंकर कुशवाहा (Photo- Kisan Tak) मटर की खेती करने वाले हरदोई के किसान रामशंकर कुशवाहा (Photo- Kisan Tak)

Pea Farming: दलहनी सब्जियों में मटर का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है. मटर की खेती से जहां एक ओर कम समय में अधिक पैदावार मिलती है तो वहीं ये खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में भी मददगार होती है. इसी क्रम में यूपी के किसान अब आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं. जहां उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर ना केवल सफल खेती कर रहे हैं, बल्कि कम समय में दोगुना लाभ भी कमा रहे हैं. ऐसे ही हरदोई में एक किसान ने अपने खेतों में मटर की खेती को और बेहतर पैदावार से तगड़ा मुनाफा कमाने के लिए खेती का तरीका बदला है. उसने अपने खेतों में पारंपरिक सिंचाई को पीछे छोड़ स्प्रिंकलर तकनीक अपनाई है जिससे अब कमाई में 25 से 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है.

इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से खास बातचीत में हरदोई के किसान रामशंकर कुशवाहा ने कहा कि कई वर्षों से मटर की खेती करते आ रहे हैं. उन्होंने अपने एक हेक्टेयर के खेत मे केवल मटर की ही खेती की है. मगर इनके मटर की खेती तैयार करने की विधि बदल देने से इन्हें अन्य किसानों से बेहतर मुनाफा होता है.

स्प्रिंकलर लगाने में मिली 90 प्रतिशत सब्सिडी

प्रगतिशिल किसान किसान रामशंकर कुशवाहा पारंपरिक तरीके से सिंचाई कर रहे थे. मगर उन्हें जानकारी मिली कि उद्यान विभाग द्वारा एक खास तकनीकि जो कि सिंचाई के काम मे लाभदायक है. जिसे स्प्रिंकलर कहा जाता है. उस पर सब्सिडी मिलती है तो उन्होंने इस स्प्रिंकलर के लिए आवेदन किया और 90 प्रतिशत सब्सिडी के साथ अपने खेत मे स्प्रिंकलर लगवा लिया और अब वह वर्तमान में इसी स्प्रिंकलर विधि से खेतों में सिंचाई करते हैं.

सालाना आय में हुई अचानक बढ़ोत्तरी

उन्होंने आगे कहा कि स्प्रिंकलर विधि से खेतों में सिंचाई करना शुरू किया है तब से उनकी आय में भी बढ़ोत्तरी हुई है. वह बताते हैं कि मटर की खेती में लागत 40 से 50 हजार होती जिससे वह ढाई से तीन लाख की कमाई कर लेते हैं. स्प्रिंकलर विधि से खेती करने के लिए किसानों को कोई खास सावधानियां नहीं बरतनी होती हैं. बस स्प्रिंकलर की पाइप की देखभाल जरूर रखनी होती है. रामशंकर कुशवाहा ने बताया कि उनके खेत के हरे मटर की डिमांड बहुत होती है, हरदोई के लोकल मार्केट में सारी खपत हो जाती है. 

जानिए क्या है स्प्रिंकलर सिंचाई विधि

यह सिंचाई करने का एक उन्नत साधन और तकनीक है. इस तकनीक के माध्यम से सिंचाई ऐसे की जाती है, मानो बरसात हो रही हो. स्प्रिंकलर सचाई बलुई मिट्टी जैसे क्षेत्रों सर्वोत्तम विधि है. इस विधि से सचाई करने पर मृदा में नमी का उपयुक्त स्तर बना रहता है जिसके कारण फसल की वृद्धि, उपज और गुणवत्ता अच्छी रहती है. फव्वारा मशीन से किसानों को कई तरह के लाभ है जिसने पानी के बचत से लेकर समय और धन की बचत होती है. अच्छी फसल के लिए किसानों फव्वारा मशीन की इस्तेमाल करनी चाहिए.

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