उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ सीजन में किसानों को खाद की किल्लत से बचाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रदेश में अभी तक 27 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है. जुलाई में केंद्र सरकार की ओर से 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया और भेजा जाएगा. इसके साथ ही कुल उपलब्धता 37 लाख मीट्रिक टन तक हो जाएगी. पिछले साल खरीफ सीजन में 32.84 लाख मीट्रिक टन यूरिया की खपत हुई थी. इस बार उससे अधिक स्टॉक पहले से मौजूद है.
शाही ने बताया कि जायद की फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है और किसानों को आवश्यकतानुसार बीज और उर्वरक समय से मिल रहा है. राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ समन्वय बनाकर पूरी सतर्कता के साथ खाद आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है.
खाद की कालाबाजारी और गड़बड़ियों को लेकर सरकार सख्त है. अब तक 26 एफआईआर दर्ज की गई हैं. 580 फुटकर विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र में खाद वितरण में अनियमितता पाए जाने पर जिला कृषि अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. एक अन्य अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है.
कृषि मंत्री शाही ने बताया कि जुलाई माह में केंद्र सरकार की ओर से 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया और भेजा जाएगा। जिससे सितंबर तक सभी आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में यूरिया, डीएपी, एनपीके, एमओपी, एसएसपी सहित सभी प्रमुख उर्वरकों की भरपूर उपलब्धता है. वर्तमान में
वितरण के बाद भी जो अवशेष खाद है, उसकी स्थिति इस प्रकार है.
यूरिया- 15 लाख मीट्रिक टन
डीएपी- 2.90 लाख मीट्रिक टन
एनपीके- 2.91 लाख मीट्रिक टन
एमओपी- 0.77 लाख मीट्रिक टन
एसएसपी- 3.14 लाख मीट्रिक टन
राज्य में कार्यरत 26 खाद उत्पादक कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ हाल ही में बैठक की गई है. इसमें खाद आपूर्ति, स्टॉक और वितरण की समीक्षा की गई. शाही ने कहा कि निजी कंपनियों के रैक पॉइंट से की जाने वाली यूरिया सप्लाई में से 25% वितरण पीसीएफ के माध्यम से कराया जाएगा. इससे वितरण व्यवस्था पारदर्शी और प्रभावी होगी. शाही ने जोर देकर कहा कि खाद की कोई कमी नहीं है और सरकार हर स्तर पर सतर्कता बरत रही है ताकि किसानों को समय से खाद मिल सके.
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