
कृषि के हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है। कृषि के जिन क्षेत्रों में पुरूषों ने कब्जा किया हुआ था वहां आज महिलाओं ने आकर अपना स्थान बनाया और पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाने के बजाय वे उन्हें काफी पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गई हैं और अपनी कल्पनाशक्ति का लोहा मनवा रही हैं.गांव लहरियागंज बिहार मधुबनी जिला की रहने वाली रीना देवी मशरूम उत्पादन कार्य करती है. उससे बडी बात है कि वे केवल मशरूम का उत्पादन ही निर्भर नही बल्कि इसके साथ मशरूम के 16 से 17 प्रकार के अलग-अलग उत्पाद बना अच्छी कमाई कर रही हैं. इसके अलावा वह मखाना और मोटे अनाज से जुड़े हुए कई तरह के प्रोडक्ट बनाकर अपनी आमदनी में इजाफा कर रही हैं और स्वरोजगार के रूप में अपना रही हैं.
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रीना देवी ने किसान तक को बताया कि वह और उनके पति पहले मधुबनी में एक स्कूल खोलना चाहते थे. लेकिन जब यह सपना पूरा नहीं हुआ तो , दो साल पहले कोरोना काल में जब कई लोगों का रोजगार ठप हो गया. इस दौरान मेंरे भी परिवार की आमदनी कम हो गई. इस लिए हमने उस समय मशरूम उत्पादन की ट्रेनिग लेकर समशरूम उत्पादन का कार्य शूरु किया, जिससे नके परिवार की मदद हो सके. मशरूम के उत्पादन कार्य करने के दौरान इसमे उनकी रूचि में बढ़ती गई ,और उन्होंने मशरूम उत्पादन और खेती में नई –नई जानकारी हासिल किया. वह बताती है आज मशरूम क सहित मखाना और मोटे अनाज के 17 से 18 तरह के उत्पाद बनाती हैं.रीना ने कहा कि इसके पहले मेरी पहचान एक हाउसवाइफ के अलावा और कुछ नहीं थी. इस कार्य के चलते उन्हे मशरूम मैडम का उपनाम मिला.
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मशरूम के माध्यम से मशरूम अचार,रबड़ी, गुलाब जामुन, लड्डू, खीर, पापड़, मशरूम नमकीन काजू, मशरूम प्रोटीन पाउडर, नमकीन से लेकर मिठाइयों बनाती वही मखाना का प्रोटीन पाउडर और मोटे अनाज का कुकीज, सेव भुजिया ,लड्डू बनाती हैं . इसी तरह वह कई तरह के उत्पाद बनाकर बेचती है वह बताती है समूह 20 महिलाएं हैं इस से जुटकर वह भी लाभ कमा रही है. वहीं कमाई को लेकर उनका कहना है कि अभी ज्यादा मुनाफा नहीं है. अभी वह आत्मनिर्भर हो गई है , आगे और इससे बेहतर कमाई की उम्मीद हैलेकिन इसी तरह चल भविष्य में अच्छी कमाई होगी। इस तरह मशरूम के उत्पादन और बिजनेस दोनों में अपनी ख़ास सोच, मेहनत और लगन के कारण सफल हुईं ,इस तरह रीना ने अपने कार्य से दुसरी ग्रामीण महिलओं के आत्मनिर्भर बनाने का एक रास्ता दिखाया है
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