Parwal Ki Kheti: गर्मियों के मौसम में भी सब्जियों का भरमार रहता है. अगर परवल की बात करें तो यह सबसे लोकप्रिय सब्जी में से एक है. सबसे अच्छी बात यह है कि परवल की खेती हर मौसम में की जा सकती है. आज हम आपको अमेठी के युवा किसान यशकेंद्र सिंह की कहानी बताने जा रहे है, जो बीते 6 वर्षों से परवल की खेती करके 4 लाख रुपये सालाना की कमाई कर रहे हैं. हाई स्कूल पास यशकेंद्र सिंह आज कई किसानों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं.
किसान तक से बातचीत में अमेठी के बरगांव निवासी युवा किसान यशकेंद्र सिंह ने बताया कि 2 बीघे में वो परवल की खेती जैविक विधि के तहत करते है. गोबर से निर्मित खाद से परवल की पैदावार अच्छी होती है. उन्होंने बताया कि 2 बीघे में 50 हजार रुपये की कुल लागत आती है, जबकि मुनाफा बाजार के रेट के हिसाब से 4 लाख रुपये से अधिक हो जाता है. यशकेंद्र ने कहा कि जुलाई से लेकर सितंबर माह के बीच परवल के पौधों की रोपाई की जाती है. परवल की खेती के लिए नर्सरी में तैयार पौधों को लेकर आते है. इसकी खेती के लिये जैविक विधि से मिट्टी तैयार की जाती है, जिसके बाद जल निकासी करके मेड़ों पर या बेड़ बनाकर से पौधों या जड़ों की रोपाई करते है.
किसान यशकेंद्र सिंह ने बताया कि परवल के पौधे या जड़ों की रोपाई के बाद तुरंत एक सिंचाई का काम किया जाता है, ताकि पौधों का ठीक तरह से विकास हो सके. इसके अलावा हर 8 से 10 दिनों के बीच हल्की सिंचाई करना होता है. परवल की खेती के लिए गर्मियों में 10 से 12 दिन के अंतराल पर सिंचाई का कम कर लेना चाहिए. उन्होंने बताया कि अमेठी, और गौरीगंज की सब्जी मंडियों में परवल की बिक्री के लिए भेजा जाता है. उन्होंने कहा कि अगर व्यापारी खेत से परवल ले जाते हैं तो वह 25 से 30 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से कीमत मिल जाता हैं. वहीं मेहनत मंडी पहुंचा देते हैं तो 30 से ₹35 प्रति किलो की कीमत मिल जाती है. वहां पर व्यापारी हाथों हाथ माल खरीद लेते है.
एक बीधे में हफ्ते में 3 क्विंटल निकलता है, मई और जून में अच्छी तोड़ाई होती है, जबकि जुलाई और अगस्त में बरसात शुरू हो जाती है इस वजह से परवल पीला पड़ जाता है. एक महीने में 12 क्विंटल और पूरे सीजन में दो बीघे से 100 क्विंटल परवल बेच देते है. अमेठी के रहने वाले यशकेंद्र सिंह आज एक सफल किसान हैं. बता दें कि परवल में विटामिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और प्रोटीन जैसे कई पोषक पाए जाते है. इसकी मांग बाजार में बहुत अधिक है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today