गर्मी के मौसम में फलों का राजा आम की सबसे ज्यादा मांग रहती है. वैसे तो देश के भीतर आम की एक हजार से ज्यादा किसमें है. वही इन्ही किस्मों में एक आम ऐसा भी है जिसका विशालकाय आकार देखकर लोग दांतों तले अंगुलियां दबा लेते हैं. जी हां मध्यप्रदेश के अलीराजपुर के जोगट तहसील के कालीखेतर गांव में नूरजहां किस्म का यह आम पैदा होता है. आज देश के भीतर इस किस्म के आम के कुछ चुनिंदा पेड़ ही बचे हैं. मूलतः यह किस्म अफगानिस्तान से जुड़ी हुई है. लखनऊ के आम महोत्सव में मध्यप्रदेश के अलीराजपुर के किसान प्रदीप राठौर इस विशालकाय आम (Biggest mango) को लेकर पहुंचे हैं. फिलहाल लखनऊ के आम महोत्सव में इस आम को देखने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. इस आम को पैदा करने वाले किसान प्रदीप राठौर का कहना है की यह आम अपने बड़े आकार के चलते दुनिया का सबसे बड़ा आम है.
मुगल काल के दौरान अफगानिस्तान में सबसे पहले नूरजहां आम की पैदावार 15 वीं शताब्दी में हुई. मुगल काल की एक शक्तिशाली रानी नूरजहां के नाम पर इस आम का नाम इसकी सुंदरता और बड़े आकार के चलते रखा गया. मध्य प्रदेश के कट्ठीवाड़ा इलाके में नूरजहां आम की पैदावार आज भी होती है. इस आम का औसत वजन 3 किलो तक है जबकि सबसे बड़े आम का वजन 5 किलो तक होता है.
मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जनपद में नूरजहां किस्म के कुछ पेड़ ही बचे हैं. यह अब दुर्लभ प्रजाति का आम हो चुका है. नूरजहां किस्म का आम का वजन अधिकतम 5 किलोग्राम तक होता है. इस खास किस्म के आम का उत्पादन करने वाले किसानों को इसका दाम भी काफी अच्छा मिलता है. नूरजहां आम की प्रजाति अफगानिस्तान मूल की मानी जाती है. लखनऊ के आम महोत्सव में इस विशालकाय आम को लेकर पहुंचे किसान प्रदीप सिंह राठौर ने किसान तक को बताया कि उनके बाग में नूरजहां किस्म के एक दर्जन पेड़ है. उनके पेड़ों पर नूरजहां का वजन 4 किलो तक पाया गया है. यह देश ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा आम है. यह आम किलो में नहीं बल्कि प्रति पीस के हिसाब से बिकता है. प्रदर्शनी में उनके एक नूरजहां किस्म के आम की कीमत ₹5000 लग चुकी है. कोई भी व्यक्ति एक एक आम से पूरे परिवार को खिला सकता है.
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लखनऊ के आम महोत्सव में नूरजहां किस्म के आम की विशालता को देखकर हर कोई इसके साथ सेल्फी लेना चाहता है. महिला ही नहीं बल्कि बच्चे भी इस आम को देखकर काफी रोमांचित है. आम महोत्सव में पहुंचे बाउंसर धर्मेंद्र ने भी इस आम के साथ सेल्फी ली. उन्होंने बताया कि उनका वजन 1 क्विंटल 20 किलो से ज्यादा है और वह बाउंसर का काम करते हैं लेकिन इस आम को देखकर उनसे रहा नहीं गया. इसलिए वह सेल्फी के माध्यम से अपनी यादों में इसे कैद करना चाहते हैं. नूरजहां आम को देखकर बच्चों ने भी खूब सेल्फी ली है.
नूरजहां एक दुर्लभ किस्म का आम हैं. उत्तर प्रदेश में इस आम के पौधे बिल्कुल ही गायब है. मध्यप्रदेश के अलीराजपुर में ही इस आम के कुछ पेड़ बचे हैं. लखनऊ के आम महोत्सव में नूरजहां किस्म के आम को लेकर पहुंचे किसान प्रदीप सिंह राठौर ने बताया कि इस विशालकाय आम का दाम ₹5000 लग चुका है. वह इस किस्म के 3 नाम लेकर इस प्रदर्शनी में पहुंचे थे जिनमें से सबसे बड़ा आम बिक चुका है.
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