यूपी की इस महिला ने घर में उगाए 300 से अधिक औषधीय पौधे, गार्डनिंग का शौक कर रहा बीमारियों का इलाज, जानें कैसे?

यूपी की इस महिला ने घर में उगाए 300 से अधिक औषधीय पौधे, गार्डनिंग का शौक कर रहा बीमारियों का इलाज, जानें कैसे?

ऐसे में उन्होंने अपने घर में ही सभी औषधीय पौधों को लगाया है. जिनका उपयोग वह खुद भी विभिन्न बीमारियों में करती है. इसी तरह का उनके पास लक्ष्मी तरु नाम का पौधा भी है. जिसका प्रयोग प्रथम और द्वितीय स्टेज के कैंसर को ठीक करने में किया जा सकता है.

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यूपी की इस महिला ने घर में उगाए 300 से अधिक औषधीय पौधे, गार्डनिंग का शौक कर रहा बीमारियों का इलाज, जानें कैसे?मेरठ की रहने वाली डॉ. मीनू गुप्ता दवा की जगह करती है इनका उपयोग (Photo-Kisan Tak)

Meerut News: हमारा शरीर प्रकृति की अनोखी देन है तो इसे संवारने के लिए भी प्रकृति ने हमें कई औषधीय पौधे (Medicinal plants) दिए हैं, जो वाकई में मानव जीवन के लिए गुणों का खजाना है. इन औषधीय पौधों को अगर अपने खानपान में रेगुलर इस्तेमाल किया जाए तो शरीर की छोटी से लेकर बड़ी बीमारी तक का इलाज किया जा सकता है. इसी कड़ी में आज हम आपको ऐसी सेवानिवृत्ति शिक्षिका से मिलाएंगे. जिन्होंने अपने घर को मॉडर्न टेरेंस किचन गार्डन के रूप में तब्दील कर दिया है. जहां आपको हर तरह की प्रजाति के फूल, औषधि और सब्जियां देखने को मिलेगी. दरअसल, आरजी डिग्री कॉलेज के बॉटनी डिपार्टमेंट से रिटायर्ड डॉ. मीनू गुप्ता द्वारा घर पर उगी हुई सब्जियों का ही उपयोग किया जाता है. साथ ही विभिन्न बीमारियों के लिए वह मॉडर्न गार्डन में उगाए औषधीय पौधों का ही उपयोग करते हैं. साथ ही विभिन्न बीमारियों के लिए वह मॉडर्न गार्डन में उगाए औषधीय पौधों का ही उपयोग करते हैं.

डॉ. मीनू गुप्ता ने इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से बातचीत में बताया कि उन्हें बचपन से ही औषधि पौधों के बारे में जानने की खास रुचि थी. जो कि वह अपनी नानी से जानती थी. शिक्षिका बनने के बाद इन औषधि पौधों के बाद में और भी ज्यादा गहराई से जानने का मौका मिला. उन्होंने बताया कि पतांजली समेत देश के अलग-अलग शहरों से अश्वगंधा, अस्थमा बेल,गुड़मार बूटी, सिंदूर प्लांट सहित कई औषधि पौधों को इकट्ठा किया. ऐसे में उन्होंने अपने घर में ही सभी औषधीय पौधों को लगाया है. जिनका उपयोग वह खुद भी विभिन्न बीमारियों में करती है. इसी तरह का उनके पास लक्ष्मी तरु नाम का पौधा भी है. जिसका प्रयोग प्रथम और द्वितीय स्टेज के कैंसर को ठीक करने में किया जा सकता है.

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उन्होंने आगे बताया कि सर्दियों के सीजन में हरी सब्जियों में मेथी, धनिया, सरसों, पालक, बथुआ सहित अन्य प्रकार की सब्जियां स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद रहती हैं. लेकिन बाजार में जिस तरह से केमिकल आधारित सब्जी आ रही है. उनसे सेहत को नुकसान पहुंचता है. ऐसे में उन्होंने घर को मॉडर्न गार्डन के रूप में तब्दील कर दिया है. जिसमें वह सीजन आधारित सब्जियों को उगाती है. उन्ही सब्जियों का उपयोग घर के खाने में करती है.

पौधे का विकास तभी संभव है जब मिट्टी सही हो.
पौधे का विकास तभी संभव है जब मिट्टी सही हो.

इसीलिए उन्होंने घर मेंतुलसी, गिलोय, पान, लेमन ग्रास, रोजमरी, ओरिगैनो, इंसुलिन, काली हल्दी सहित 300 से अधिक प्रकार के औषधि पौधे भी लगाए हुए हैं. जिनका उपयोग वह समय-समय पर करती रहती हैं. आपको बता दें कि डॉ. मीनू गुप्ता ने मॉडर्न किचन गार्डन से एक ईबुक भी लिखी है. जिसमें विभिन्न ऐसे मेडिसिन पौधों के बारे में बताया है. जो कई तरह की बीमारियों में काम आते हैं. साथ ही किस तरीके से उनका उपयोग करना चाहिए. इसके बारे में भी आप पढ़ सकते हैं.

इस तरह किया जा सकता है उपयोग

डॉ. मीनू बताती है कि जो भी औषधि पौधे का उपयोग करना चाहते हैं. वह सभी इस पौधे की पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इसका उपयोग वजन के हिसाब से किया जाता है. अगर किसी व्यक्ति का 50 किलो वजन है. तो वह 10 पत्तियों का उपयोग प्रतिदिन कर सकता है. इन 10 पत्तियों को पानी में उबलने और प्रतिदिन सुबह शाम दोपहर तीन भागों में बांटकर खाना खाने से पहले इसका उपयोग करें. उन्होंने बताया कि 45 दिन तक इसका निरंतर प्रयोग करें. फिर कुछ दिन का गैप रख दें. इससे शुरुआती दौर के कैंसर को समाप्त करने में मदद मिलेगी.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

वह कहती है सबसे खास बात इसमें यह ध्यान रखने वाली है कि जब इस पौधे की पत्तियों को पानी में उबालें तो उसे बर्तन को अच्छे से ढके. क्योंकि उसे दौरान इससे निकलने वाले अन्य प्रकार की तरंग नुकसान भी पहुंचती है. ऐसे में सतर्क रहकर इसको उबाले.बताते चलें की लक्ष्मी तरु पौधा अमेरिका के जंगलों में पाया जाता है.

मेरठ की रहने वाली डॉ. मीनू गुप्ता ने घर को ही बनाया औषधीय पौधों का गार्डन
मेरठ की रहने वाली डॉ. मीनू गुप्ता ने घर को ही बनाया औषधीय पौधों का गार्डन

बोटैनिकल तौर पर इसे सिंमरौबा ग्लोका नाम से जाना जाता है. दरअसल, भारतीय संस्कृति की बात की जाए तो औषधीय को काफी महत्व दिया जाता था. आयुर्वेद पद्धति में आज भी पौधों के माध्यम से विभिन्न दवाइयां को बनाकर बड़े से बड़ी बीमारियों को भी ठीक किया जाता है.

मिट्टी का रखें ख्याल

पौधे का विकास तभी संभव है जब मिट्टी सही हो. पौधा लगाने के लिए हमेशा अच्छी और उपजाऊ मिट्टी का उपयोग करना चाहिए. अगर आप पौधे को गमले में लगा रहे हैं तो ध्यान रहे कि मिट्टी घनी या कठोर नहीं होनी चाहिए. पौधे लगाने से पहले मिट्टी को अच्छी तरह से हल्का कर देना चाहिए. पौधे अच्छी और उर्वर मिट्टी में अच्छे से विकसित होते हैं.

आयुवेर्दिक सिंदूर प्लांट
आयुवेर्दिक सिंदूर प्लांट

सभी पौधों को उनकी जरूरत के अनुसार पानी देना चाहिए. कई पौधों में पानी की जरूरत कम होती है, इसलिए यदि आप इन पौधों में बहुत अधिक पानी डालेंगे तो उनकी जड़ें सड़ जाएंगी और पौधे खराब हो जाएंगे. पौधे खरीदते समय आपको उन्हें पानी देने के बारे में पूछना चाहिए.

सही दूरी का रखें ध्यान

पौधों को ज्यादा नजदीक नहीं लगाना चाहिए. ऐसे में पौधे ठीक से विकास नहीं कर पाते हैं. आपको कभी भी एक ही गमले में बहुत सारे पौधे नहीं लगाने चाहिए और इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि पौधों के बीच उचित दूरी होनी चाहिए. इन सभी उपायों को अपनाने से आपके घर का बगीचा पूरी तरह हरा-भरा रहेगा.

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और हेल्थ बेनिफिट रेसिपी की सलाह, हमारे एक्सपर्ट्स से की गई चर्चा के आधार पर है. Kisan Tak किसी भी दवा के उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी.

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