महाराष्ट्र के कुईवाडी में किसान बंडू हरिदास शिंदे ने अपने 3 एकड़ खेत में अनार की फसल उगाकर अच्छा मुनाफा हासिल किया है. उन्होंने रासायनिक और जैविक खाद का सही से उपयोग करते हुए अच्छी क्वालिटी के निर्यात योग्य अनार का उत्पादन किया और इसे दुबई के बाजार में बेचा. इसके लिए उन्हें 180 रुपये प्रति किलो भाव मिला और 52 लाख रुपये की कमाई हुई.
'लोकमत' की रिपोर्ट के अनुसार, निमगांव के रहने वाले नागनाथ शिंदे और बंदू शिंदे ने कुछ साल पहले असिंचित इलाके में जमीन खरीदी थी, जो समय के साथ काम करने पर बागवानी के लिए उपयुक्त हो गई. असिंचित भूमि होने के कारण उन्होंने चार साल पहले 3 एकड़ में अनार की केसर वैरायटी के 1300 पौधे लगाए थे. बंडू शिंदे ने इस वर्ष फरवरी में छंटाई के समय प्रति एकड़ 4 ट्रेलर गोबर खाद का उपयोग किया. उन्होंने शुरू में हर पेड़ को 1 किलो खाद दिया. फिर बाद में हर डेढ़ महीने में 1 किलो रासायनिक और जैविक खाद के मिश्रण का उपयोग किया.
वहीं, उन्होंने कीड़े-मकोड़े, घोंघे आदि से पेड़ों को बचाने के लिए प्रति एकड़ 6 किलोग्राम केंचुए डाले. इससे मिट्टी की उर्वरता और केंचुओं की आबादी बढ़ गई. इसके अलावा उन्होंने बगीचे में झुलसा और तिला रोग से बचाव के लिए भी खास सावधानी बरती.
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बंडू शिंदे के अनुसार, रासायनिक और जैविक खाद के सही कॉम्बिनेशन और सही मात्रा में उपयोग से उनके खेत में अनार के पेड़ ज्यादा मजबूत हुए और फल उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ अनार के वजन, मिठास और चमक में भी काफी अच्छा इजाफा हुआ. उन्होंने प्रति पेड़ औसतन 20 किलो तक अनार उगाए हैं. इसमें एक अनार का वजन 200 से 400 ग्राम तक होता है.
उन्होंने बताया कि अनार व्यापारी खुद उनके पास आए और 180 रुपये प्रति किलो के भाव से अनार खरीदकर दुबई एक्सपोर्ट किए. उन्होंने बताया कि उनकी 3 एकड़ जमीन से अब तक कुल 30 टन अनार निर्यात किए जा चुके हैं.
बंडू शिंदे ने बताया कि अनार की खेती के लिए उन्होंने प्रति एकड़ औसतन 2.5 लाख रुपये के हिसाब से तीन एकड़ के लिए कुल 7.5 लाख रुपए खर्च किए हैं. वहीं, इस काम में उन्हें और भी कई किसानों और कृषि विशेषज्ञों की मदद मिली.
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