खेती का एकीकृत मॉडल अपनाकर मध्य प्रदेश के किसान का कमाल, सालना 50 लाख का रेवेन्यू

खेती का एकीकृत मॉडल अपनाकर मध्य प्रदेश के किसान का कमाल, सालना 50 लाख का रेवेन्यू

शाजापुर जिले की जहां खरदोन कलां गांव के किसान जयनारायण पाटीदार दो दशक से अधिक समय से खेती करते आए हैं. उन्होंने खेती के क्षेत्र में नया प्रयोग करते हुए 50 लाख की कमाई की है, आइए उनके सफर बारे में जानते हैं.

Advertisement
खेती का एकीकृत मॉडल अपनाकर मध्य प्रदेश के किसान का कमाल, सालना 50 लाख का रेवेन्यूसफल किसान जयनारायण पाटीदार

कहते हैं खेती बड़ी मेहनत और कम लोगों का काम है. हालांकि ये बीते जमाने की बात हो गई, आज की तारीख में कई ऐसे किसान हुए जो आधुनिक खेती से जुड़कर ना सिर्फ अपनी पैदावार को बढ़ा रहे हैं बल्कि अपनी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बना रहे हैं. आज आपको ऐसे किसान की कहानी बताने जा रहे हैं जो 25 सालों से खेती करते आ रहे हैं लेकिन बीते कुछ सालों से उनकी कमाई इतनी अधिक बढ़ गई है कि किसानों के प्रेरणास्रोत बन गए हैं. 

एकीकृत मॉडल से मिली सफलता

ये कहानी मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले की जहां खरदोन कलां गांव के किसान जयनारायण पाटीदार दो दशक से अधिक समय से खेती करते आए हैं. लेकिन उन्होंने खेती के नए-नए प्रयोग सीखने में कभी पीछे नहीं रहे. उन्होंने किसानतक से खास बातचीत के दौरान बताया कि वे ICAR भोपाल में ट्रेनिंग ली और खेती का एकीकृत मॉडल अपनाया. नए किसानों को बता दें कि एकीकृत खेती मॉडल वह प्रणाली है जिसमें किसान अपनी मुख्य फसल के साथ-साथ अन्य कृषि गतिविधियां जैसे पशुपालन, मछली पालन या हॉर्टिकल्चर से जुड़ सकते हैं.

ICAR की ट्रेनिंग से मिला फायदा

जयनारायण बताते हैं कि खेती उनका जुनून है और यहां नए-नए प्रयोग करना उन्हें अच्छा लगता है. ICAR भोपाल में ट्रेनिंग लेने के बाद वे एकीकृत मॉडल के साथ आगे बढ़े, बाद में ICAR नागपुर से उन्होंने संतरे की बागवानी करने की ट्रेनिंग भी ली, जिससे वे मध्य प्रदेश की धरती पर भी नागपुर वाला संतरा उगाने लगे और उनकी आमदनी में काफी इजाफा हुआ.

ये भी पढ़ें: तकनीक से दूरी बनी किसानों के लिए नुकसान का कारण, लगातार सिमटती जा रही कपास की खेती

आज वे अनाजों के साथ, अमरूद, संतरे की बागवानी और 15-20 गायों के साथ डेयरी फार्मिंग करते हैं. डेयरी से निकलने  वाले गोबर-गौमूत्र को बागवानी फसलों में खाद के रूप में इस्तेमाल करते हैं. 

कितनी कमाई करते हैं जयनारायण

किसानतक से बात करते हुए उन्होंने अपनी नई तकनीक के साथ खेती के अनुभव शेयर करते हुए अपने कमाई के बारे में भी खुलकर बात की. जयनारायण बताते हैं कि वे 18 हेक्टेयर जमीन में खेती कर रहे हैं. उन्हें हर साल खेत से 500-700 क्विंटल संतरे की पैदावार मिलती है. इसी तरह अमरूद की भी पैदावार होती है. इन तमाम चीजों से करीब 50 लाख रुपये का रेवेन्यू जनरेट करते हैं, कुल कमाई का लगभग 50 फीसदी खेती में आने वाली लागत होती है. इस हिसाब से वे हर साल 25-30 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं. 

POST A COMMENT