Success Story: यूपी की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में एक ऐसे शख्स की चर्चा पूरे इलाके में हो रही हैं. सबसे खास बात यह है कि इन्होंने अपने घर को ही खेत बना दिया है. जिन्होंने पिछले 30 साल से बाजार से कभी सब्जियां नहीं खरीदी हैं. आज हम राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर इलाके के रहने वाले एक ऐसे शख्स की कहानी बताने जा रहे है, जिन्होंने अपने घर में आम, सेब, संतरा और ड्राई फ्रूट्स के साथ ही सभी प्रकार के हरी सब्जियां उगा रखी है, वो भी गमले में...
किचन गार्डनिंग का शौक रखने वाले विनोद कुमार पांडेय ने इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से खास बातचीत में बताया कि वो बचपन से उनका रुझान पर्यावरण की तरफ रहा है. पिता के साथ 14 साल की उम्र में अमरूद का बाग लगा दिया था. 1994 में रायबरेली से लखनऊ आए और गोमती नगर में मकान लिया और यहां पर 20 गमलों में टमाटर उगाने से शुरुआत की थी. उन्होंने बताया कि सब्जियां उगाना उनका कोई बिजनेस नहीं है बल्कि शौक है, इसीलिए वह अपने घर आने वाले हर शख्स को सब्जियां दे देते हैं. बाजार में जब कोई सब्जी नहीं मिलती है या महंगी होने की वजह से लोग परेशान हो रहे होते हैं तो इनकी चौखट पर ही पहुंचते हैं और विनोद भी पर्याप्त मात्रा में लोगों को सब्जियां देते हैं. सभी सब्जियां ऑर्गेनिक हैं. किचन वेस्ट से बनाई जाती हैं इसीलिए इसमें किसी प्रकार का केमिकल नहीं होता है. विनोद कुमार पांडेय खुद भी अपने घर की सब्जियां ही खाते हैं और फलों का इस्तेमाल करते हैं.
विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि हमारी छत पर लाल मिर्च, हरी मिर्च, मूली, शिमला मिर्च, फूल गोभी, पत्ता गोभी, टमाटर, लंबे बैंगन छोटे बैंगन के साथ ही चीकू, संतरा, स्टार फ्रूट, सेब और आम तक आपको मिल जाएंगे. वहीं लहसुन, धनिया, नींबू और कद्दू भी भी उगा रखा है. जबकि घर के सामने पंचवटी पार्क है जिसमें ड्राई फ्रूट्स लगा रखे हैं.
आपको बता दें कि मौजूदा समय में विनोद कुमार पांडेय 500 गमलों के जरिए अलग-अलग सीजनल सब्जियों की पैदावार अपने घर पर कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि करीब 150 पौधे सब्जियों के आज हमारे पास है. जहां से हम अपने खाने भर के लिए ताजा हरी सब्जियों को तोड़ लेते है. पांडेय बताते हैं कि उनको मार्केट से सिर्फ आलू और प्याज लेने की जरूरत पड़ती है. बाकी कोई भी हरी सब्जी वह नहीं खरीदते हैं. साथ ही बताया कि उन्होंने रोजाना 3-4 किलो देसी टमाटर की पैदावार हो जाती है. अगर पूरे सीजन की बात करे तो 250 किलो देसी टमाटर हुए थे.
उन्होंने बताया कि गमले में पानी का निकासी महत्वपूर्ण रोल निभाती है. अगर पानी की निकासी अच्छी है, तो सब्जियों या कोई भी फूल पौधा अच्छे से विकसित होता है. इसका ध्यान रखकर ही उन्होंने अलग-अलग की किस्म की कई सब्जियां उगाईं. उन्होंने बताया कि बाजार में मिलावटी सब्जियां बिक रही है. इन दिनों सब्जियों को फ्रेश रखने के लिए सब्जी विक्रेता केमिकल के जरिए कलर करके इस्तेमाल कर रहे हैं, जो सेहत के लिए काफी खतरनाक हो सकता है. जिसके कारण हम बीते 30 सालों से कभी बाजार से सब्जियों को नहीं खरीदा.
विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि स्टार फ्रूट भी हमने उगा रखे है, इसके कई फायदे है. इसको हिंदी में कमरख कहा जाता है जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है, इसमें विटामिन बी1, बी2 और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें मिनरल्स, बायोएक्टिव कंपाउंड और फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है और यह हमारे दिल दिमाग और पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है. उन्होंने बताया कि 27 गमलों में स्टार फ्रूट के फल तैयार हो चुके हैं. सरकार ने उनको इस काम के लिए कई बार सम्मानित भी कर चुकी है, विनोद कुमार पांडेय एक कंपनी में काम करते हैं, लेकिन उनको सब्जियां उगाने की वजह से लोग ‘वेजिटेबल मैन ऑफ लखनऊ’ कहते हैं.
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