Bihar: गुरारू में पहली बार किसी किसान ने की केले की खेती, अब होगा 6 लाख रुपये से ज्‍यादा मुनाफा

Bihar: गुरारू में पहली बार किसी किसान ने की केले की खेती, अब होगा 6 लाख रुपये से ज्‍यादा मुनाफा

बिहार में अब बागवानी फसलों की खेती का चलन तेजी से बढ़ रहा है. इस बीच अब गया जिले के गुरारू प्रखंड में भी केले की खेती जोर पकड़ रही है. गुरारू में केेले की खेती करने वाले पहले किसान ने अपनी लागत से लेकर मुनाफा तक साझा किया है, ताकि अन्‍य किसान भी प्रेरणा ले सकें.

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Bihar: गुरारू में पहली बार किसी किसान ने की केले की खेती, अब होगा 6 लाख रुपये से ज्‍यादा मुनाफाकेले की खेती

बिहार में अब खेती-किसानी को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रोत्‍साह‍ित किया जा रहा है. इसी क्रम में यहां के किसान भी खेती के उन्‍नत तरीकों और अच्‍छी फसलों के बारे में जानने लगे है. ऐसा ही एक अच्‍छा बदलाव राज्‍य के गया जिले के गुरारू में देखने को मिल रहा है. अब यहां के किसान पारंपरिक खेती के अलावा बाजार में अच्‍छा मुनाफा देने वाली फसलों पर भी ध्‍यान केंद्र‍ित कर रहे हैं. अब किसान फल, केले की बागवानी तो कर रही रहे हैं. इसके अलावा मिलेट्स और त‍िल भी उगा रहे है.

पहले साल में बंपर उत्‍पादन का अनुमान 

कृषि विभाग इन किसानो को प्रोत्‍साहन दे रहा है, जिसका सकारात्‍मक असर दिखने लगा है. केले की खेती के लिए गुरारू प्रखंड का नाम लोगों की जुबां पर आने लगा है. गुरारू में केले की खेती अपनाने वाले पहले किसान विनीत कुमार रंजन बताते हैं कि उन्‍हें एक साल में ही इसका फायदा होने लगा है. उन्‍होंने बताया क‍ि केले का उत्‍पादन होने के बाद वह बिक्री शुरू कर चुके हैं.

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तीन एकड़ खेत में चार लाख आई लागत

एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, विनीत ने  डबूर गांव में 3 एकड़ जमीन को बागवानी के लिए तैयार किया और इसमें केले की G-9 किस्‍म के 3300 पौधे लगाए थे. इसमें उनके चार लाख रुपये खर्च हुए थे. करीब एक लाख रुपये की लागत घेराबंदी करने में आई थी. विनीत ने बताया कि एक साल में ही उनके खेत में केलों का बंपर उत्पादन हुआ है, जिससे वह काफी खुश हैं. अनुमान है कि इस बार उन्‍हें लगभग 750 क्विंटल उत्पादन मिलेगा, जिससे उन्‍हें 6 लाख रुपये से ज्यादा शुद्ध मुनाफा होगा.  

बिना केमिकल के पका रहे केले

विनीत ने बताया कि  वह 20 रुपये किलो की दर से केले बेच रहे हैं और अब तक 100 क्विंटल से ज्‍यादा केले की बिक्री कर चुके हैं. विनीत का दावा है कि वे सिर्फ नेचुरली पका केला बेचते हैं. कोई भी सीधे उनके खेत से केले खरीद सकता है. किसान को प्रोत्साहित करने के लिए कई अफसर विनीत के खेत का दौरा कर चुके हैं. 

भारत के ज्‍यादातर हिस्सों में व्यवसाय की दृष्टि से केले की जी-9 किस्‍म काफी लोकप्र‍िय है. यह किस्‍म टीशू कल्चर से तैयार की गई है. इसकी खास बात यह है कि इसकी फसल 9-10 महीने में तैयार हो जाती है. इस किस्‍म का केला पकने के बाद सामान्य तापमान पर 12 से 15 दिन तक सुरक्षि‍त रह सकता है, जबकि‍ उपचार के बाद इसे एक महीने तक संरक्षित रखा जा सकता है. जी-9 केला बीजरहित, बड़ा और बहुत मीठा होता है. 

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