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दिल्ली छोड़कर लखनऊ आई अनुष्का ने शुरू की खेती, 3 एकड़ के पॉलीहाउस से होती है बंपर कमाई

दिल्ली छोड़कर लखनऊ आई अनुष्का ने शुरू की खेती, 3 एकड़ के पॉलीहाउस से होती है बंपर कमाई

सिर्फ़ चार साल की मेहनत के बाद आज अनुष्का की उगाई सब्जियां शहर के कई बड़े आउट्लेट्स के जाती हैं. यही नहीं स्थानीय किसान भी उनसे सब्जियां ले कर बेचते हैं जिससे उनको मुनाफ़ा हो रहा है. आस-पास के कई किसान उनके ख़ेत पर काम कर रहे हैं. अनुष्का कहती हैं कि आस -पास के छोटे किसान उनके पास खेती के इस तरीक़े को सीखने आते हैं. 

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ख़ास तकनीक से खेती कर अनुष्का अच्छा मुनाफा कमा रही है.(सांकेतिक फोटो) ख़ास तकनीक से खेती कर अनुष्का अच्छा मुनाफा कमा रही है.(सांकेतिक फोटो)

अक्सर पढ़े लिखे युवाओं की पहली पसंद ऊँची सैलरी पर नौकरी ही होती है. पर शहर में काम करने का ऑप्शन छोड़ कर गांव का रुख़ करने का रिस्क बहुत कम युवा ही ले पाते हैं. लखनऊ की अनुष्का जायसवाल ने न सिर्फ़ दिल्ली जैसे शहर को छोड़ कर गांव की ओर लौटी बल्कि नए तरह से खेती शुरू की. आज उनकी ये सोच उनको न सिर्फ़ मुनाफ़ा दे रही है बल्कि वो इस क्षेत्र में कई मिथक तोड़ रही हैं. खेत में फसल को बारीकी से देखते परखते और लोगों को समझाते ये अनुष्का जायसवाल आधुनिक खेती-किसानी का वो चेहरा बन गई हैं जिसने अपने क्षेत्र में कई मिथक तोड़े हैं.

लखनऊ की मोहनलालगंज तहसील में अनुष्का का 3 एकड़ में फैला खेत और पॉलीहाउस को देखा जा सकता है जहां अनुष्का सुबह से शाम तक आस-पास के किसानों के साथ उन्नत खेती करती हैं. उनकी खेत में ख़ास तकनीक से शिमला मिर्च, ब्रोकोली की खेती की जाती है. अनुष्का ने दिल्ली के हिंदू कॉलेज से पढ़ाई की है. इस दौरान इनको स्वास्थ्य सम्बंधी कुछ दिक़्क़त हुई तो वो बागवानी करने लगीं. फिर खेती की ओर उनका रुझान बस होता चला गया.

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कैसे खेती में आईं अनुष्का?

अनुष्का दिल्ली छोड़कर अपने शहर लखनऊ आईं और खेती का काम करना शुरू किया. उन्होंने तय किया कि वो सामान्य तरीक़े से खेती नहीं करेंगी बल्कि आधुनिक तरीक़े से खेती करेंगी. उन्होंने सुरक्षात्मक खेती का तरीक़ा अपनाया यानि ऐसे पौधों को तैयार करना जिसमें उनको मौसम की मार से बचाया जा सके. नतीजा ये हुआ कि पहले ही साल से लाल-पीली बेल मिर्च की 35 टन उपज हुई. आज अनुष्का मिर्च, हरी शिमला मिर्च, सलाद के लिए प्रयोग होने वाले लेयटेस, पत्ता गोभी, लाल पत्ता गोभी और ब्रोकोली की ख़ेती कर रही हैं. वो किसी अनुभवी किसान की तरह कहती हैं कि 'धरती में आप कुछ भी लगाएंगे तो धरती आपको निराश नहीं करेगी.

दूसरे किसान सीखने आते हैं तरीका

सिर्फ़ चार साल की मेहनत के बाद आज अनुष्का की उगाई सब्जियां शहर के कई बड़े आउट्लेट्स के जाती हैं. यही नहीं स्थानीय किसान भी उनसे सब्जियां ले कर बेचते हैं जिससे उनको मुनाफ़ा हो रहा है. आस-पास के कई किसान उनके ख़ेत पर काम कर रहे हैं. अनुष्का कहती हैं कि आस -पास के छोटे किसान उनके पास खेती के इस तरीक़े को सीखने आते हैं. वो उनको सिखाना चाहती हैं कि अगर तकनीक का प्रयोग कर खेती की जाए तो खेती में नुक़सान कभी नहीं होगा.

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