यूपी सरकार का दावा है कि चौपाल में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में जनसमस्याओं का निस्तारण होने के अलावा गांव में चल रही विकास योजनाओं का निरीक्षण होने से काम को गति मिल रही है. राज्य के उपमुख्यमंत्री और ग्राम्य विकास मामलों के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने चौपाल अभियान को सफल प्रयोग बताते हुए कहा कि बीते एक महीने में राज्य के तमाम जिलों में हुई ग्राम चौपाल के दौरान 43 हजार ग्रामीणों की समस्याओं और शिकायतों का निस्तारण किया गया है.
उन्होंने बताया कि इस दौरान गांवों में चल रहे 19 हजार विकास कार्यों का निरीक्षण भी किया गया. मौर्य ने बताया कि सभी जिलों में पूर्व निर्धारित रोस्टर के तहत चयनित ग्राम पंचायतों में हर सप्ताह शुक्रवार को ग्राम चौपाल का आयोजन होता है. कम से कम 2 या 3 ग्राम चौपाल में वह भी शिरकत करते हैं. उन्होंने बताया कि अब तक वह लगभग एक दर्जन गांवों में जाकर चौपाल का जायजा ले चुके हैं.
बीते शुक्रवार को लखनऊ और उन्नाव जिलों के दो गांवों में आयोजित चौपाल में शामिल होने के बाद मौर्य ने चौपाल में होने वाले कामों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चौपाल में गांव के स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं और एफपीओ के किसान अपने खेती किसानी के कामों की प्रदर्शनी लगाते हैं. प्रदर्शनी में इनके बनाए उत्पादों की बिक्री होने से इन समूहों का लाभ होता है. साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारी एवं सलाहकार भी ग्रामीणों को सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ लेने के बारे में जानकारी देते हैं.
इसके अलावा सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र आदि वितरित किए जाते हैं. इनमें प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को स्वीकृत पत्र, बीसी सखियों को ड्रेस एवं अन्य सामग्री देने के अलावा निपुण भारत कार्यक्रम के तहत चयनित छात्र-छात्राओं को पुरस्कार और ग्राम पंचायत में उल्लेखनीय कार्य करने वाले दो रोजगार सेवकों व एक सफाई कर्मी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जाता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 26 लाख आवास प्रधानमंत्री आवास योजना मे ग्रामीण क्षेत्रों में दिए गए हैं. अभी 10 लाख आवास दिए जाने हैं, जिन पर काम चल रहा है.
मौर्य ने कहा कि चौपाल आयोजित करने का मकसद, सरकार को जनता के द्वार पर ले जाना कर गांव की समस्याओं का गांव में ही समाधान करना है. इस दौरान गांव के तालाब और सरकारी जमीन पर कब्जे की शिकायत के अलावा सरकारी योजनाओं के लाभ लेने से जुड़े कामों में आ रही परेशानियों की शिकायतों का तत्काल समाधान किया जाता है. चक मार्गों एवं अन्य अवैध कब्जों को हटाया जा रहा है. तालाबों को कब्जों से मुक्त कराकर पुनर्जीवित किया जा रहा है.
मौर्य ने दावा किया कि अब तक यूपी के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के 7 लाख स्वयं सहायता समूह बन चुके हैं. इनमें 70 लाख महिलाएं सक्रिय सदस्य हैं. ये समूह दुग्ध उत्पादन के अलावा सिलाई बुनाई एवं घरेलू उपयोग की वस्तुएं बनाकर अपने घर और गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में योगदान दे रही हैं. इस प्रकार गांव एवं परिवार को आत्मनिर्भर बनाने में ये महिलाएं गांव की ग्रोथ इंजन बन रही हैं.
प्रदेश के ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने बताया कि ग्राम चौपाल अभियान का आगाज 30 दिसंबर को वाराणसी जिले की 3 ग्राम पंचायतों से हुआ था. हर शुक्रवार को सभी जिलों की चयनित ग्राम पंचायतों में हाे आयोजित हो रही ग्राम चौपाल में अब तक 5 लाख ग्रामीण भाग ले चुके हैं. चौपाल में गांव वालों से मिली 43 हजार समस्याओं एवं शिकायतों का निस्तारण किया गया. किन्हीं कारणों से जिन समस्याओं या शिकायतों का तत्काल समाधान नहीं हो पाता है, उन्हें निर्धारित समय सीमा के भीतर निपटाया जा रहा है. लंबित शिकायतों के निस्तारण के बारे में उपमुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से फीडबैक लेकर जानकारी ली जाती है. जिससे लोगों के काम समय से पूरे हो पाना मुमकिन हुआ है.
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