ग्राम चौपालों में ग्रामीणों की समस्याओं का हो रहा तत्काल समाधान

ग्राम चौपालों में ग्रामीणों की समस्याओं का हो रहा तत्काल समाधान

यूपी सरकार ने इस साल के शुरू में प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में साप्ताहिक ग्राम चौपाल अभ‍ियान शुरू किया था. इस मुहिम के 3 माह पूरे होने पर राज्य सरकार ने इसकी समीक्षा करते हुए कहा है कि गांव वालों की छोटी मोटी समस्याओं के तत्काल समाधान का यह कारगर टूल बन गया है. सरकार का दावा है कि ग्राम चौपालों में 01 लाख से ज्यादा ग्रामीणों की समस्याओं का मौके पर ही समाधान हुआ.

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ग्राम चौपालों में ग्रामीणों की समस्याओं का हो रहा तत्काल समाधानयूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ग्राम चौपाल में महिला स्वयं सहायता समूह के उत्पादों को देखते, फोटो : किसान तक

यूपी सरकार के ग्राम्य विकास विभाग ने इस साल साप्ताहिक ग्राम चौपाल अभ‍ियान का आगाज किया था. उपमुख्यमंत्री एवं विभाग के प्रभारी मंत्री के रूप में केशव प्रसाद मौर्य ने गत 31 दिसंबर को नये वर्ष की पूर्वसंध्या पर "गांव की समस्या- गांव में समाधान" मूल मंत्र के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से इस मुहिम की शुरूआत की थी. इसके तहत प्रत्येक शुक्रवार को प्रदेश में हर ब्लॉक के 2 गांवों में ग्राम चौपाल का आयोजन होता है. मौर्य स्वयं, हर सप्ताह एक या दो ग्राम चाैपाल में श‍िरकत करते हैं. मौर्य ने 3 महीने से चल रही इस मुहिम के परिणामों की समीक्षा की. समीक्षा बैठक में विभाग की ओर से बताया गया कि अब तक 19,800 गांवों में ग्राम चौपाल हो चुकी है. मौर्य की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि गांव चौपालों के सुखद परिणाम हासिल हो रहे हैं.

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एक लाख से अधिक श‍िकायतों का हुआ निस्तारण 

किसान आईडी बनवाने से लेकर बैंक खाते से आधार को लिंक कराने तक, गांव वालों की ऐसी तमाम मामूली समस्याओं होती हैं, जिनके लिए किसानों को विभाग दर विभाग चक्कर काटने पड़ते हैं. खासकर हर सेवा का लाभ् उठाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को अनिवार्य किए जाने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है.

इस तरह की समस्याओं के लिए ग्राम चौपाल में कृष‍ि एवं राजस्व सहित अन्य विभागों, बैंक और पुलिस महकमे तक के अध‍िकारी में बुलाए जाते हैं. चौपाल में किसानों की इस तरह‍ की तमाम समस्याओं का समाधान तत्काल किया जाता है. तकनीकी वजहों से जो समस्याएं मौके पर नहीं निपट पाती हैं, उन्हें 24 से 48 घंटे के भीतर निपटाया जाता है. विभाग का दावा है कि पिछले 3 माह में ग्रामीणों की इस तरह की लगभग 1.02 लाख समस्याओं का त्वरित समाधान किया गया है.

14 लाख ग्रामीणों ने की श‍िरकत

विभाग की ओर से बताया गया कि प्रदेश की 19 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में ग्राम चौपालों का आयोजन किया गया.  ग्राम चौपालों में आने वाले सरकारी मुलाजिमों और ग्रामीणाें की उपस्थ‍िति को रजिस्टर में दर्ज किया जाता है. प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक अब 14 लाख से अधिक ग्रामीणों ने चौपाल में सहभागिता की. इसके अलावा 1.20 लाख ब्लॉक एवं ग्राम विकास स्तरीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने ग्राम चौपालों में पहुंच कर गांव वालों की 1 लाख से अध‍िक समस्याओं एवं श‍िकायतों का तत्काल निस्तारण किया.

चौपाल में ही विकास कार्यों का निरीक्षण

ग्राम चौपाल में गांव वालों की समस्याओं के निस्तारण के अलावा नल, बिजली, सड़क और स्वास्थ्य सहित अन्य नागरिक सुविधाओं से जुड़े विकास कार्यों का भी निरीक्षण किया जाता है. साथ ही राशन वितरण, बिजली के बिल और पेंशन आदि सेवाओं से जुड़ी श‍िकायतों का निराकरण किया जाता है.

विभाग की दलील है कि इसी वजह से ग्राम चौपाल में सभी संबद्ध विभागों के अध‍िकारियों एवं जनप्रतिनि‍धि‍यों की अनिवार्य उपस्थ‍िति को सुनिश्च‍ित किया जाता है. इसके अलावा गांव में गरीबों के लिए बन रहे सस्ते आवास, स्वच्छता अभ‍ियान के काम, सड़क, नाली एवं पुलिया, चकडैम आ‍दि बनाने जैसे कामों की जांच भी अध‍िकारियों एवं ग्रामीणों की मौजूदगी में ही की जाती है. इससे संबंद्ध विभाग की जवाबदेही भी गांव वालों के सामने ही तय की जाती है.

अब बुलाए जाएंग आला अध‍िकारी भी

मौर्य ने ग्राम चौपालों के प्रति ग्रामीणो में बढ़ते उत्साह को देखते हुए जिलाध‍िकारी सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अध‍िकारियों को चौपाल में अनिवार्य रूप से बुलाने एवं उनकी उपस्थ‍िति को सुनिश्चित करने का आदेश दिया है. जिससे इस मुहिम को और अध‍िक प्रभावी बनाया जा सके. इसके लिए उन्होंने विभागीय अध‍िकारियों को कम से कम एक सप्ताह पहले चौपाल का रोस्टर बनाकर सभी अध‍िकारियाें को सूचित करने के लिए कहा है. जिससे जिलाध‍िकारी सहित अन्य अध‍िकारी अपनी व्यस्तताओं के बीच चौपाल में पहुंचने का समय निकाल सकें.

मौर्य ने कहा कि ग्रामीणों की समस्याओं को सरकार उनकी चौखट पर ही सुलझाना चाहती है. सरकार को ग्रामीणों के द्वार तक ले जाने के मकसद से इस अभ‍ियान काे शुरू किया गया है. इसीलिए रोस्टर के आधार पर हर ब्लॉक के दो गांवों में होने वाली ग्राम चौपाल में सभी अध‍िकारियों की मौजूदगी को सुनिश्चित कर जनता के प्रति सरकार की जवाबदेही को पूरा किया जा सकता है.

चौपाल बनीं आय का जरिया

समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार ग्राम चौपाल के आयोजन में गांव की महिलाओं के स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाए जा रहे घरेलू उत्पादों के स्टॉल भी लगाए जाते हैं. इनके बनाए सामान की बिक्री से महिलाओं की अतिरिक्त आय हो जाती है. साथ ही गांव में देसी जुगाड़ तकनीक से बनने वाले यंत्रों और इनके कारीगरों को भी चौपाल में अपने हुनर को दिखाने का माैका मिलता है. इससे चौपाल, नवाचार युक्त कामों को गांव से बाहर लाने का मंच बनती है. साथ ही महिलाओं के लिए स्वावलंबन के नये द्वार भी खुलने लगते हैं.

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