यूपी में 1 लाख सूर्य सखियों से गांव-गांव तक पहुंचेगी रोशनी, जानें क्या है योगी सरकार का नया प्रोजेक्ट

यूपी में 1 लाख सूर्य सखियों से गांव-गांव तक पहुंचेगी रोशनी, जानें क्या है योगी सरकार का नया प्रोजेक्ट

UP News: यूपीएसआरएलएम की निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास पर जोर दिया जा रहा है. उनका यह मानना है कि अगर महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, तो समाज में समृद्धि का रास्ता खुल सकेगा.

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यूपी में 1 लाख सूर्य सखियों से गांव-गांव तक पहुंचेगी रोशनी, जानें क्या है योगी सरकार का नया प्रोजेक्टउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

योगी सरकार प्रदेश की बेटियों और महिलाओं को सशक्त, आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है. वहीं ग्रामीण विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. इसी के तहत योगी सरकार स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की सोलर पैनल, लाइटिंग, ईवी चार्जिंग समेत सोलर आधारित योजनाओं में भागीदारी बढ़ाने के लिए महिला सूर्य सखी से जोड़ने जा रही है. राजधानी लखनऊ में बुधवार को यूपीएसआरएलएम की ओर से DEWEE(Decentralized Energy for Women’s Economic Empowerment) कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

इसका वर्ष 2030 तक 1 लाख महिला नेतृत्व वाले उद्यमों तक डीआरई (Decentralized Renewable Energy) को पहुंचाना है. इसके जरिये जहां सोलर एनर्जी के क्षेत्र में तेजी से इजाफा होगा, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण और शहरी महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी. कार्यक्रम में देश और विदेश के सौर ऊर्जा के क्षेत्र के विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे और डीआई को धरातल पर उतारने के लिए खाका खींचेंगे.

सौर ऊर्जा से रोशन होंगे ग्रामीण और दूर-दराज के इलाके

यूपीएसआरएलएम की निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास पर जोर दिया जा रहा है. उनका यह मानना है कि अगर महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, तो समाज में समृद्धि का रास्ता खुल सकेगा. मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें डीआरई को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण कदम है. ऐसे में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण जीवन मिशन द्वारा डीआरई पहल महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs)को सशक्त बनाने की दिशा में एक नया कदम है. 

उन्होंने बताया कि डीआरई ऑफ-ग्रिड यानी मिनी ग्रिड ऊर्जा समाधानों से संबंधित है, ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है. इन इलाकों में पारंपरिक बिजली नेटवर्क पहुंचने में काफी परेशानी होती है, वहां डीआरई घरों और समुदायों को स्वच्छ, सस्ती और विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान करेगा. इस पहल के जरिए महिलाएं न केवल अपनी आर्थ‍िक स्थिति को सुधार सकती हैं, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा समाधानों के प्रचार-प्रसार में भी सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं.

महिलाओं को सौर ऊर्जा से जोड़ेगी योगी सरकार

बता दें कि डीईडब्ल्यूईई कार्यक्रम के तहत महिलाएं न केवल डीआरई समाधानों की स्थापना, रखरखाव और मरम्मत में सक्षम होंगी, बल्कि वे अपने समुदायों में स्वच्छ ऊर्जा से जुड़ी सेवाएं भी प्रदान करेंगी. इससे उनकी आय में वृद्धि होगी और वे समाज में बेहतर भूमिका निभा सकेंगी. इसके अलावा महिलाएं छोटे-छोटे उद्यमों को भी स्थापित कर सकेंगी, जिससे उन्हें सशक्त होने का एक नया अवसर मिलेगा. निदेशक ने बताया कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विभाग ने कई महत्वपूर्ण संस्थाओं के साथ साझेदारी की है.

पहले चरण में 20 जिलों में शुरू होगी योजना

इसमें पीसीआई इंडिया, एचसीबीसी, ग्लोबल एनर्जी एलायंस फॉर पीपल एंड प्लेनेट, गेट्स फाउंडेशन इंडिया और प्रेरणा ओजस जैसी संस्थाएं शामिल हैं. यह संस्थाएं प्रदेश के 20 जिलों में डीआरई को धरातल पर उतारने में अहम भूमिका निभाएंगी. इन संस्थाओं के सहयोग से महिलाओं के लिए एक समावेशी और लचीला स्वच्छ ऊर्जा तंत्र का निर्माण किया जाएगा.

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