बिहार की नीतीश सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले में बिहार सरकार ने किसान सलाहकारों का मानदेय 13,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये कर दिया है. सलाहकारों को इसकी बढ़ी हुई राशि अप्रैल महीने से जोड़ कर दी जाएगी. यानी अगले मानदेय में बिहार सरकार सलाहकारों को नए मानदेय के हिसाब से पैसा जोड़कर जारी करेगी. बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश सरकार का यह बड़ा फैसला माना जा रहा है.
इस फैसले को लेकर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है. इस प्रस्ताव पर बिहार सरकार की कैबिनेट ने मंगलवार को मुहर लगाई. किसान सलाहकार परामर्श अवधि 6 घंटे से बढ़ाकर 7 घंटे किया गया. इस तरह अब किसान सलाहकार हर दिन किसानों को 7 घंटे तक परामर्श सेवा दे सकेंगे. अभी बिहार में कुल 7047 किसान सलाहकार हैं.
बिहार सरकार ने इस फैसले के अंतर्गत सरकारी खजाने से अतिरिक्त 67 करोड़ 87 लाख 10 हजार 736 रुपये की निकासी और खर्च की मंजूरी दी है. बिहार सरकार ने सलाहकारों का मानदेय बढ़ाने के पीछे ये तर्क दिया है कि इससे ग्रामीण इलाकों में खेती किसानी को मजबूती मिलेगी क्योंकि सलाहकार किसानों को लाभदायक खेती के बारे में बताएंगे. इस सलाह से किसान उन फसलों की खेती की ओर रुख करेंगे जिससे उनकी आमदनी और मुनाफा बढ़े.
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इसके अलावा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट ने बिहार में उद्योग को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है. बिहार में औद्योगिक विकास को रफ्तार देने और युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 (BIPPP-2025) लागू कर दिया है.
यह पैकेज उद्योगों को आकर्षित करने, निवेश को बढ़ावा देने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग की जानकारी दी. मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा के अनुसार बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 के तहत निवेशकों को कई सुविधा दी गई है-
1. ब्याज सब्सिडी – 40 करोड़ रुपये तक ब्याज सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी.
2. SGST प्रतिपूर्ति – नई इकाइयों को परियोजना लागत का 300% तक शुद्ध SGST की प्रतिपूर्ति 14 वर्षों के लिए दी जाएगी.
3. पूंजीगत सब्सिडी – 30% तक पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी.
4. निर्यात प्रोत्साहन – 14 वर्षों तक प्रति वर्ष 40 लाख रुपये की सीमा निर्धारित की गई है.
कौशल विकास और प्रशिक्षण में सहयोग, पर्यावरण संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग के लिए सहायता, स्टांप ड्यूटी और भूमि रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति, निजी औद्योगिक पार्कों को सहयोग, पेटेंट पंजीकरण और गुणवत्ता प्रमाणन में मदद, भूमि आवंटन में विशेष प्रावधान किया गया है. 100 करोड़ रुपये से अधिक निवेश और 1000 से अधिक रोजगार सृजन करने वाली इकाइयों को 10 एकड़ भूमि निःशुल्क मिलेगी.
1000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने वाली इकाइयों को 25 एकड़ भूमि निःशुल्क दी जाएगी. फॉर्च्यून 500 कंपनियों को भी 10 एकड़ भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी. इस पैकेज का लाभ लेने के लिए निवेशकों को 31 मार्च 2026 तक आवेदन करना अनिवार्य होगा.
अगले 5 वर्षों में लगभग 1 करोड़ युवाओं को रोजगार और आजीविका के अवसर मिलेंगे. बिहार में उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार होगा. युवाओं को राज्य के भीतर ही रोजगार और कौशल विकास का अवसर मिलेगा, जिससे आत्मनिर्भर बिहार की परिकल्पना मजबूत होगी.
यह औद्योगिक पैकेज न केवल निवेशकों के लिए आकर्षक है, बल्कि बिहार की अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा देने वाला भी साबित होगा. सरकार की यह पहल राज्य को औद्योगिक दृष्टि से अग्रणी राज्यों की पंक्ति में खड़ा करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है.
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बिहार के आरा (भोजपुर ) के तरारी, शेखपुरा के चेवड़ा, रोहतास के शिवसागर, शिवहर के तारियानी, दरभंगा के बहादुरपुर, पूर्णिया के के नगर में इंडस्ट्रीयाल पार्क का निर्माण किया जाएगा. इसी तरह पटना जिला के फतुहा में मल्टी मॉडल लोजिस्टिक पार्क परियोजना के तहत फिनटेक सिटी विकसित किया जाएगा.(शशिभूषण का इनपुट)
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