Kisan Registry : यूपी में अब हर खेत की बनेगी आईडी, 4 जून के बाद शुरू होगा किसान रजिस्ट्री बनाने का काम

Kisan Registry : यूपी में अब हर खेत की बनेगी आईडी, 4 जून के बाद शुरू होगा किसान रजिस्ट्री बनाने का काम

Land Records को ऑनलाइन दर्ज कर सरकार, किसानों को संपत्त‍ि एवं राजस्व संबंधी मुकदमों के झंझट से मुक्ति दिलाने के लिए यूपी सहित देश भर में स्वामित्व योजना चला रही है. इसमें गांव की हर प्रकार की संपत्ति का रिकॉर्ड Digital Format में सुरक्षित रहेगा. यूपी में अब इस योजना के तहत किसानों के हर खेत की भी Farm ID बनाई जाएगी.

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Kisan Registry : यूपी में अब हर खेत की बनेगी आईडी, 4 जून के बाद शुरू होगा किसान रजिस्ट्री बनाने का कामयूपी सरकार हर खेत को जोड़ेगी डिजिटल नेटवर्क से (सांकेतिक फोटो)

किस खेत में किसान को कब कौन सी फसल बोना लाभकारी रहेगा, खेत में किस फसल में कितना खाद पानी देना है, यूपी में सरकार ने किसानों को इस तरह के सवालों का जवाब देने की तैयारी कर ली है. योगी सरकार इस काम में Information Technology का सहारा ले रही है. इसके लिए किसान के हर खेत को तकनीक के माध्यम से एक आईडी प्रदान की जाएगी. इसे किसान रजिस्ट्री कहा जाएगा. इस परियोजना का सफल Pilot Project भी पूरा हो गया है. अब लोकसभा चुनाव संपन्न होने पर 4 जून के बाद किसान रजिस्ट्री बनाने का काम पूरे प्रदेश में शुरू हो जाएगा.

क्या होगा लाभ

यूपी सरकार के कृष‍ि एवं राजस्व विभाग ने इस योजना को पूरे यूपी में लागू करने की तैयारी कर ली है. इसके तहत जिस प्रकार स्वामित्व योजना में किसानों को उनके घर मकान आदि की डिजिटल घरौनी दी जा रही है, उसी तरह अब हर किसान के खेतों का ब्योरा भी Digital Format में दर्ज होगा. इसमें सभी किसानों के हर खेत की एक आईडी बनेगी. इस आईडी के माध्यम से किसानों के खेत का रकबा, मिट्टी का प्रकार और सिंचाई के साधन सहित अन्य जरूरी जानकारियां दर्ज होंगी.

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मौजूदा व्यवस्था में कृष‍ि उपजों के उत्पादन को लेकर अनुमान परक आंकड़ों से ही काम चलाया जा रहा है. किसान रजिस्ट्री के माध्यम से सरकार के पास हर खेत में बोई गई फसलों की जानकारी के अलावा किसानों द्वारा उपयोग में लाई गई खाद एवं दवाओं की मात्रा के भी सटीक आंकड़े होंगे. इससे कृषि‍ क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न वस्तुओं की Demand and Supply का संतुलन बनाने में सरकार को मदद मिलेगी.

जुलाई में बनने लगेगी किसान रजिस्ट्री

कृष‍ि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि फर्रुखाबाद जिले में किसान रजिस्ट्री का पायलट प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है. अब 4 जून को लोकसभा चुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद प्रदेश के अन्य जिलों में भी यह परियोजना लागू कर दी जाएगी.

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इसके लिए हर जिले में अपर जिलाधिकारी (वित्त) को इस काम के लिए नोडल अफसर नामित किया जाएगा. शासन की ओर से किसान रजिस्ट्री बनाने के काम को पूरा करने के लिए आगामी जुलाई से सितंबर तक का समय दिया गया है. जुलाई माह के पहले सप्ताह से हर जिले में किसान रजिस्ट्री बनाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा.

सरकार ने इस परियोजना को उच्च प्राथमिकता पर रखते हुए इसे समय पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं. इसमें खेती से जुड़े हर किसान परिवार के मुखिया की किसान रजिस्ट्री बनाई जाएगी. इसमें खसरा खतौनी में दर्ज अभिलेख के आधार पर हर खेत का ब्योरा दर्ज कर उसकी आईडी बनाई जाएगी. किसान रजिस्ट्री के आधार पर सरकार को यह भी पता रहेगा कि किस किसान के कौन से खेत में फसल नहीं बोई गई है. इसके आधार पर फसल बीमा सहित अन्य योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभा‍र्थी को देने में सरकार को मदद मिलेगी.

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