यूपी सरकार के भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय ने किसानों को Mine Mitra Portal पर ऑनलाइन पंजीकरण करके एक निश्चित सीमा तक मिट्टी का खनन करने की सुविधा को आगे भी जारी रखने का फैसला किया है. यूपी के भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशक डॉ रोशन जैकब ने कहा कि किसानों को निजी प्रयोग हेतु साधारण मिट्टी के खनन एवं परिवहन में आ रही कठिनाइयों को देखते हुए यह फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि इस आशय के फैसले से समस्त जिला प्रशासन को अवगत करा दिया गया है. सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को इस बारे में जरूरी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. गौरतलब है कि यूपी में किसानों को यह सुविधा जनवरी 2020 से दी जा रही है. इसका मकसद प्रशासनिक सुगमता एवं जनसामान्य को मिट्टी सुलभ कराना है.
खनन कानून के तहत यूपी के किसान 100 घन मी तक मिट्टी का खनन कर ऐक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सकते हैं. इसके लिए उन्हें 'माइन मित्रा पोर्टल' पर खुद से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है.
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भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि किसानों को खेती बाड़ी के काम में मिट्टी की नियमित तौर पर जरूरत होती है. ऐसे में खनन कानूनों की आड़ में किसानों का शोषण किए जाने की शिकायतें शासन के संज्ञान में आने के बाद माइन मित्रा पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण कराकर निजी उपयोग के लिए किसानों को मिट्टी का खनन करने की सुविधा दी गई थी.
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इस बीच खनन निदेशालय के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया कि किसानों द्वारा 100 घन मी तक साधारण मिट्टी के खनन एवं परिवहन हेतु माइन मित्रा पोर्टल पर पंजीकरण कराये जाने तथा पंजीकरण सम्बन्धी प्रमाण पत्र होने के बावजूद पंजीकरण प्रमाण पत्र को मान्य नहीं किया जा रहा है. इससे होने वाले किसानों के उत्पीड़न को रोकने के लिए निदेशालय ने सभी जिला प्रशासन को नए सिरे से दिशा निर्देश जारी किए हैं.
इसमें पुलिस एवं प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि माइन मित्रा पोर्टल पर स्वतः पंजीकरण के आधार पर साधारण मिट्टी का खनन एवं परिवहन करने वाले किसानों को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित न करने की बात सुनिश्चित की जाए.
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