उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा कराया है और कटाई के बाद उनकी फसल खेत में बंडल बनाकर रखे गए हैं और वर्तमान में हो रही बेमौसम बारिश, चक्रवाती बारिश और ओलावृष्टि से फसल नुकसान हुआ है तो किसान 72 घंटे के अंदर टोल फ्री नंबर 14447 पर अपनी फसल के नुकसान की सूचना तुरंत दें. किसान टोल फ्री नंबर पर सूचना देने के बाद अपने नुकसान की लिखित शिकायत संबंधित बैंक (जहां से फसल बीमा का प्रीमियम कट रहा हो) या जिला कृषि अधिकारी या उप कृषि निदेशक कार्यालय में भी लिखित प्रार्थना पत्र के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
हाल में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों का नुकसान हुआ है. कई जगह गेहूं की कटाई बाकी है और खड़ी फसल खेत में तैयार है. इसी तरह चना और बाकी फसलों का भी यही हाल है. बारिश और ओले गिरने से इन फसलों को बहुत नुकसान हुआ है. कई फसलों का बंडल बनाकर खेतों में छोड़ा गया था जो बारिश के पानी से भीग गया है. ऐसे बंडलों में अनाज के सड़ने का खतरा है.
बारिश और तेज हवा से गेहूं की फसल खेतों में लेट गई है जिससे उसके सड़ने का खतरा है. इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों से तुरंत नुकसान की शिकायत करने का निर्देश दिया है. अगर शिकायत 72 घंटे के अंदर कर दिया जाए तो कार्यवाही में किसी तरह का विलंब नहीं होगा.
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उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है, किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत टोल फ्री नंबर 14447 पर कॉल कर फसल नुकसान की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. शिकायत के 48 घंटे के भीतर कृषि विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर नुकसान का सर्वे करेगी और उसकी रिपोर्ट के आधार पर बीमा का मुआवजा दिया जाएगा. उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे फसलों का बीमा जरूर कराएं ताकि नुकसान की स्थिति में उन्हें भरपाई मिल सके. इस बारे में किसान ब्लॉक या जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं और फसल बीमा कराने के लिए आगे आ सकते हैं.
कृषि विभाग ने कहा है कि किसान गेहूं, धान, मिर्च, मूंगफली और अरहर जैसी फसलों का बीमा करा सकते हैं. इस बार अगर वे बीमा नहीं करा सके हैं तो उन्हें भविष्य में यह काम जरूर कराना चाहिए ताकि सरकार से फसल नुकसान का मुआवजा मिल सके. कृषि विभाग और सरकार ने बताया है कि किसान अगर समय पर फसल नुकसान की जानकारी देते हैं या शिकायत दर्ज कराते हैं तो उन्हें मुआवजा मिलने में किसी तरह की देरी नहीं होगी.
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शिकायत मिलने के 48 घंटे के अंदर कृषि विभाग की टीम खराब फसल का सर्वे करती है और अपनी रिपोर्ट दर्ज करती है. उसी रिपोर्ट के आधार पर किसानों को मुआवजा दिया जाता है. शिकायत दर्ज कराने में जितनी देरी होगी, किसान को मुआवजा मिलने में परेशानी बढ़ जाएगी.
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