बेमौसम बारिश से समूचे उत्तर भारत में रबी की फसलों को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. इससे फसल की गुणवत्ता में गिरावट आने के कारण उपज की खरीद, न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी पर नहीं होने का खतरा किसानों के सामने पैदा हो गया है.किसानों को इस मुसीबत से बचाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने उपज की गुणवत्ता में कमी आने के बावजूद किसानों से उनकी उपज एमएसपी पर ही खरीदने का फैसला किया है. इसके लिए मध्य प्रदेश की सरकार ने किसानों से गेहूं की सरकारी खरीद में गुणवत्ता संबंधी नियमों में ढील दे दी है.
मध्य प्रदेश की ही तर्ज पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि मौसम से प्रभावित हुई फसलों की राज्य सरकार एमएसपी पर खरीद करेगी. उन्होंने संबद्ध विभागीय अधिकारियों को उपज की खरीद के नियमों में ढील देने का आदेश दिया है.
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि सीएम योगी ने प्रदेश में असमय वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों के खराब होने से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की. कृषि एवं मंडी परिषद सहित अन्य सम्बद्ध विभागों के आला अधिकारियों के साथ बैठक में योगी ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में सरकार पूरी तरह से किसानों के साथ है.
उन्होंने कहा कि अन्नदाता किसानों का हित सुरक्षित रखना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि मौसम जनित आपदा के कारण फसलों की पैदावार एवं उसकी गुणवत्ता पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है. सीएम योगी ने कहा कि फसलों को भी एमएसपी पर ही खरीदा जाना चाहिए जिनकी गुणवत्ता में मौसम की खराबी के कारण गिरावट आ गई.
योगी ने अधिकारियों को इसके लिए आवश्यकतानुसार नियम शिथिल करने का प्रस्ताव तैयार करने को कहा है. जिससे यथाशीघ्र नियमों में बदलाव कर मौसम की मार से प्रभावित हुई फसलों की खरीद एमएसपी पर सुनिश्चित की जा सके.
समीक्षा बैठक में बताया गया कि 30 मार्च से 1 अप्रैल के दौरान ओलावृष्टि, बारिश और आंधी की चपेट में आने से प्रदेश के 9 जिलों में फसलों को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. इनमें पीलीभीत, बरेली, सीतापुर, उन्नाव, अलीगढ़, मुरादाबाद, सोनभद्र, हमीरपुर और संभल जिले शामिल हैं. इस दौरान बिजली गिरने एवं अन्य मौसम संबंधी कारणों से लखनऊ, गाजीपुर, हरदोई, वाराणसी, बहराइच, और लखीमपुर खीरी में 7 लोगों की मौत भी हुई है.
सीएम योगी ने मौसम जनित आपदा में जनधन एवं पशुधन को हुई हानि का सर्वे कर पीड़ित परिवारों को यथाशीघ्र सहायता राशि उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि फसलों को हुए नुकसान से प्रभावित 9 जिलों में हर खेत का सर्वे कराया जा रहा है, जिससे फसलों की क्षति का सटीक आंकलन किया जा सके.
यूपी में रबी की मुख्य फसल के रूप में गेहूं की एमएसपी पर सरकारी खरीद 1 अप्रैल से शुरू हो गई. मंडी परिषद द्वारा बनाए गए 6 हजार खरीद केंद्रों से 2125 रुपये प्रति कुंतल की एमएसपी पर गेहूं की खरीद की जा रही है. सरकार ने पिछले साल की तरह इस साल भी गेहूं की खरीद का लक्ष्य 60 लाख टन निर्धारित किया है.
गौरतलब है कि गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने से पहले मार्च के अंतिम सप्ताह और अप्रैल के शुरू में ही मौसम खराब होने के कारण किसानों की उपज की गुणवत्ता प्रभावित हुई है. इस कारण से किसानों के समक्ष उपज का सही दाम न मिल पाने की समस्या उत्पन्न हो गई.
योगी सरकार ने कमतर गुणवत्ता वाली उपज को भी एमएसपी पर खरीदने की पहल कर किसानों की चिंता को दूर करने का प्रयास किया है. इसके तहत किसानों से उपज की सरकारी खरीद के लिए गुणवत्ता संबंधी नियमों में ढील देने का प्रस्ताव सम्बद्ध विभागों द्वारा प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा जाएगा. इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर गुणवत्ता संबंधी नियमों में ढील देने की व्यवस्था लागू हो जाएगी.
ये भी पढ़ें- बारिश से नहीं, ओलावृष्टि और आंधी से आम को नुकसान, 25 मई तक जर्दालु का स्वाद ले सकेंगे लोग
ये भी पढ़ें- Wheat MSP: Madhya Pradesh के लिए नया नियम जारी, खराब गेहूं के लिए MSP में होगी कटौती
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today