उत्तर प्रदेश सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 लागू कर किसानों और उद्यमियों की आय बढ़ाने में एक सशक्त माध्यम बन रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने का संकल्प लिया है, ताकि अधिक से अधिक उद्यमी, स्वयं सहायता समूह और कृषक उत्पादक संगठन इसका लाभ उठा सकें. इस नीति के तहत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए लागत का 35% से 50% तक (अधिकतम 10 करोड़ रुपये) का अनुदान दिया जा रहा है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में महिला उद्यमियों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि महिला उद्यमियों को 75 केवीए तक की सौर ऊर्जा परियोजना पर 90% तक अनुदान प्रदान किया जा रहा है.
साथ ही अन्य उद्यमियों के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान दिये जाने का प्राविधान है. राज्य सरकार की यह योजना न केवल आर्थिक विकास में सहायक सिद्ध हो रही है, बल्कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी एक बड़ा कदम है. ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए महिलाओं को अधिकतम सहायता राशि प्रदान की जा रही है. इससे न केवल महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी, बल्कि वे अपने समूहों के साथ मिलकर स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित कर सकेंगी.
यूपी सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे महिला स्वयं सहायता समूहों, किसान संगठनों और अन्य इच्छुक उद्यमियों को इस नीति के प्रति जागरूक करें और उन्हें आवेदन करने के लिए प्रेरित करें. इसके लिए विभिन्न स्तरों पर प्रचार-प्रसार अभियान भी चलाए जा रहे हैं.
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के तहत किसानों को भी बड़ा लाभ मिलने जा रहा है. उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन (PM-FME) योजना के तहत परियोजना लागत का 35% (अधिकतम 10 लाख रुपये) तक का अनुदान दिया जा रहा है. इससे किसानों को अपने कृषि उत्पादों को सीधे बाजार में बेचने की बजाय उन्हें प्रसंस्करण कर अधिक मुनाफा कमाने का अवसर मिलेगा. सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों का कोई भी उत्पाद खराब न हो और उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सके. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विस्तार से न केवल कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे.
यूपी सरकार का यह प्रयास राज्य में नवोद्यमियों को स्टार्टअप संस्कृति अपनाने और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में नए निवेश की ओर आकर्षित करने के लिए भी प्रेरित कर रहा है. निवेशकों को राज्य में उद्योग स्थापित करने के लिए सभी आवश्यक संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. सरकार ने निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से एक ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की है, जिससे इच्छुक उद्यमी आसानी से इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इसके अलावा, एकल खिड़की प्रणाली के तहत सभी अनुमोदन प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है, ताकि निवेशकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो.
योगी सरकार ने सभी जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों से भी अपील की है कि वे इस योजना के प्रचार-प्रसार में सहयोग करें और अपने क्षेत्र के इच्छुक उद्यमियों व किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि सरकार प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विस्तार और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संकल्पबद्ध है. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग न केवल राज्य की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देगा, बल्कि इसे भारत के औद्योगिक विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान भी दिलाएगा.
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