प्रदेश में एग्रीकल्चरल इकोसिस्टम डेवलप करने में सहायक होगा योगी सरकार का मौजूदा कदम (Photo-Kisan Tak)उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रयासरत योगी सरकार (Yogi government) प्रदेश में एग्रीकल्चरल इकोसिस्टम डेवलप करने पर फोकस कर रही है. इसी क्रम में प्रदेश में 'ई-मंडी लॉटरी सिस्टम' से युक्त करने के लिए वेब बेस्ड ऐप व पोर्टल पर फोकस किया जा रहा है. सीएम योगी के विजन अनुसार, राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के लिए एडवांस्ड फीचर्स से युक्त वेब बेस्ड पोर्टल व ऐप के निर्माण व विकास की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. यूपी डेवलपमेंट सिस्टम्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीडेस्को) को इस कार्य का जिम्मा सौंपा गया है. इस प्रक्रिया के पूरा होने पर नवनिर्माणाधीन ऐप व पोर्टल को लॉटरी ट्रेल सिस्टम, कूपन जेनरेशन व यूजर इंटरैक्शन समेत 6R प्रोग्रामिंग डाटा से युक्त करने में मदद मिलेगी.
उल्लेखीय है कि इस कार्य को एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन के जरिए पूरा किया जाएगा, जिसके लिए यूपीडेस्को से पहले से इंपैनल्ड कंपनियों को तरजीह दी जाएगी. एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन के बाद 30 दिन के अंदर सभी निर्धारित कार्यों को पूरा करने की समयावधि तय की गई है.
इस परियोजना का उद्देश्य कृषि प्रबंधन के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाना है, जो उपयोगकर्ता के अनुकूल मंच प्रदान करता है. साथ ही, इस प्रक्रिया के अंतर्गत 6R डेटा को सहजता से एकीकृत करने में मदद मिलेगी। सुरक्षित उत्पादक पोर्टल और गतिशील मंडी/ज़ोन लॉटरी की सुविधा उपलब्ध कराकर, सॉफ़्टवेयर का उद्देश्य उत्पादकों की भागीदारी को बढ़ावा देना और कृषि पारिस्थितिकी तंत्र की समग्र समृद्धि में योगदान करना है.
परियोजना का दायरा एक व्यापक सॉफ़्टवेयर समाधान के विकास को शामिल करता है. प्लेटफ़ॉर्म क्रेडिट एलोकेशन की अक्षमताओं को संबोधित करेगा, उत्पादकों इंटरैक्शन को बढ़ाएगा और कृषि क्षेत्र की समग्र दक्षता और समृद्धि में योगदान देगा. इसके लिए, सीमलेस इंटीग्रेशन, सिक्योर ग्रोअर पोर्टल्स का निर्माण, डायनामिक लॉटरी प्रक्रिया, क्रेडिट ऑप्टिमाइजेशन, स्केलेबिलिटी, यूजर फ्रेंडली डिजाइन, लॉटरी सिस्टम के लिए नोटिफिकेशन सिस्टम समेत विभिन्न प्रकार की सुविधाओं से युक्त किया जाएगा.
परियोजना के अंतर्गत प्रक्रिया के जरिए विकसित होने वाला ऐप व पोर्टल मंडी परिषद की लॉगिन, डीडीए की लॉगिन और हेड ऑफिस की लॉगिन समेत ग्रोअर लॉगिन से भी युक्त होगा. यह इंटीग्रेटेड सुविधाओं से लैस होगा जिसके जरिए मंडी की कार्य प्रणाली व निर्धारण को विभिन्न स्तरों पर मॉनिटर किया जा सकेगा. इसके जरिए मिलने वाली सुविधाओं व फीडबैक का संकलन भी किया जाएगा और इसके आधार पर रैंकिंग सिस्टम जैसी प्रक्रिया को भी पूरा किया जा सकेगा.
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