महिला स्वयं सहायता समूह को गन्ना बीज वितरण कार्यक्रम से मिली अलग पहचान

महिला स्वयं सहायता समूह को गन्ना बीज वितरण कार्यक्रम से मिली अलग पहचान

उत्तर प्रदेश में गन्ना विकास विभाग के द्वारा महिलाओं की स्वयं सहायता समूह को गन्ना बीज वितरण कार्यक्रम में सहयोगी बनाया गया. गन्ना विभाग के द्वारा महिला समूह को प्रोत्साहित किया गया

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महिला स्वयं सहायता समूह को गन्ना बीज वितरण कार्यक्रम से मिली अलग पहचानमहिला गन्ना किसान

उत्तर प्रदेश में गन्ना विकास विभाग के द्वारा महिलाओं की स्वयं सहायता समूह को गन्ना बीज वितरण कार्यक्रम में सहयोगी बनाया गया. गन्ना विभाग के द्वारा महिला समूह को प्रोत्साहित किया गया. चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने महिला एवं स्वयं सहायता समूह को आज ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि कोविड के दौरान नवीन गन्ना बीज का प्रतिस्थापन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती थी. गन्ना विभाग द्वारा नवीनतम प्रजातियों के गन्ना बीज का तेजी से उत्पादन कर  किसानों को उपलब्ध कराने हेतु इस योजना का संचालन किया गया. वहीं इस कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. सिंगल बड एवं बड चिप से गन्ना बीज का उत्पादन कर किसानों को शुद्ध एवं रोग रहित बीज उपलब्ध कराया. इस योजना की सफलता के कारण महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा सिडलिंग उत्पादन हेतु क्रियाकलापों को जोड़ते हुए  दिशा निर्देश भी जारी किए गए. गन्ना किसानों का चुनाव , बीज का स्रोत, सीड सेट की तैयारी, बीज उपचार, बीच का प्रमाणीकरण से संबंधित नवीन दिशा निर्देशों का समावेश भी किया गया है जो वर्ष 2022-23 से प्रभावी होंगे.

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गन्ना बीज वितरण महिलाओं को ही 40 करोड़ की कमाई

उत्तर प्रदेश में गन्ना बीज की नर्सरी के क्षेत्र में महिला स्वयं सहायता समूह का पूरे प्रदेश में गठन किया जा चुका है. 37 गन्ना उत्पादक जिलों में 3148 महिला समूह का गठन किया जा चुका है. वहीं अब तक लगभग 31 करोड़ सिडलिंग का उत्पादन किया जा चुका है जिससे उन्हें ₹40 करोड़ की आय प्राप्त हुई है. इस योजना से अब तक 60000 ग्रामीण महिला उद्यमियों को स्वरोजगार उपलब्ध हुआ है तथा कुल 448120 कार्य दिवस का रोजगार सृजन भी हुआ है. समूह द्वारा उत्पादित सिडलिंग की बुवाई से 11203 हेक्टेयर नवीन गन्ना किसानों का प्रदर्शन स्थापित कर नवीन किसानों के गन्ने का आच्छादन बढ़ाया गया है.

मेरठ में महिला स्वयं सहायता समूह ने खूब की कमाई

उत्तर प्रदेश का मेरठ परिक्षेत्र गन्ना का एक बड़ा उत्पादक मंडल है.  परीक्षेत्र के अंतर्गत जागृति महिला स्वयं सहायता समूह की संचालिका बुलंदशहर की ममतेश ने बताया कि उनकी समूह द्वारा अब तक 500000 पौधों का उत्पादन कर विक्रय किसानों को किया है. बसंत कालीन बुवाई हेतु समूह द्वारा 2000000 पौधों के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. उनके समूह में गांव की विधवा एवं निराश्रित महिलाएं भी आय अर्जित कर अपनी रोजमर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ अपने बच्चों की शिक्षा एवं शादी-विवाह जैसे कार्यों के लिए धन की व्यवस्था कर रही हैं. आदर्श महिला समूह की संचालिका कविता द्वारा बताया गया कि वह प्रतिवर्ष 300000 की आय अर्जित कर रही है.  भद्रकाली स्वयं सहायता समूह मवाना कि सोनिया ने कहा कि उन्हें गन्ना विकास विभाग की योजना के माध्यम से रोजगार के साथ-साथ गन्ना उत्पादन की नई तकनीकों को सीखने का अवसर प्राप्त हो रहा है.

 

 

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