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किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड कैसे बनवाएं? ऑनलाइन आवेदन के सिंपल टिप्स जानिए

किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड कैसे बनवाएं? ऑनलाइन आवेदन के सिंपल टिप्स जानिए

भारत सरकार ने 19 फरवरी 2015 को एक ऐसी योजना की शुरुआत की थी जो मिट्टी की सेहत से जुड़ी थी. इस योजना को मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड के तौर पर जाना गया था. इस योजना का मकसद  मिट्टी के स्‍वास्‍थ्‍य की वर्तमान स्थिति को जानकर और उसका आकलन करना है.सरकार इस योजना के जरिये करीब 14 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचाना चाहती है. किसानों को हर तीन साल में मिट्टी की जांच करानी होती है.

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मिट्टी की सेहत जानने के काम आता है यह कार्ड मिट्टी की सेहत जानने के काम आता है यह कार्ड

भारत सरकार ने 19 फरवरी 2015 को एक ऐसी योजना की शुरुआत की थी जो मिट्टी की सेहत से जुड़ी थी. इस योजना को मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड के तौर पर जाना गया था. इस योजना का मकसद  मिट्टी के स्‍वास्‍थ्‍य की वर्तमान स्थिति को जानकर और उसका आकलन करना है. सरकार की तरफ से बताया गया था कि मिट्टी में अगर किसी पोषक तत्‍व की कमी है तो फिर मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड की मदद से किसान उस कमी को दूर कर सकते हैं. इस कार्ड को भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय की तरफ से संचालित किया जा रहा है. साथ ही हर राज्‍य और केंद्र शासित प्रदेश में इसका संचालन किया जा रहा है. 

किसानों को क्‍या है फायदा 

विशेषज्ञों की मानें तो मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों के लिए बहुत ही लाभकारी योजना है. उनका कहना है कि  भारत में बहुत सारे किसान ऐसे हैं जिन्‍हें नहीं मालूम वो ज्‍यादा से ज्‍यादा फसल हासिल करने के लिए किस तरह की फसलें लगा सकते हैं. असल में, उन्हें अपनी मिट्टी की गुणवत्ता और प्रकार का पता नहीं होता. वे अनुभव से जान सकते हैं कि कौन सी फसलें उगती हैं और कौन सी फसलें खराब हो जाती हैं. लेकिन वे नहीं जानते कि मिट्टी की स्थिति सुधारने के लिए वे क्या कर सकते हैं. मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना में किसानों को हेल्थ कार्ड के जरिए जमीन की मिट्टी की जानकारी उपलब्ध करानी होती है. इन जानकारियों को देने का मकसद किसानों की फसल और उपज को बेहतर करना है ताकि किसानों को मुनाफा हो सके. 

किन दस्‍तावेजों की है जरूरत 

सरकार इस योजना के जरिये करीब 14 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचाना चाहती है. किसानों को हर तीन साल में मिट्टी की जांच करानी होती है ताकि उसकी गुणवत्‍ता का पता चल सके. इस योजना के तहत किसानों को एक रिपोर्ट कार्ड भी दिया जाता है जिसकी मदद से वो अपनी मिट्टी को उपजाऊ बना सकते हैं. अगर किसी किसान को मृदा हेल्‍थ कार्ड बनवाना है तो उसके लिए उसे आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी की जरूरत होती है.  

कैसे करे आवदेन 

  • इच्‍छुक किसान को सबसे पहले आधिकारिक वेबसाट https://soilhealth.dac.gov.in/ पर क्लिक करना होगा. 
  • इसके बाद होम पेज पर क्लिक करके अपने राज्य को सेलेक्‍ट करना होगा. 
  • न्‍यू यूजर के तौर पर अपना रजिस्‍ट्रेशन करना होगा और फिर एक रजिस्‍ट्रेशन फॉर्म को भरना होगा. 
  • रजिस्ट्रेशन फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारियों को दर्ज कराने के बाद सभी जरूरी दस्तावेजों को अटैच करना होगा. 
  • इसके बाद  इसे सबमिट करना होगा और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करनी होगी. 
  • रजिस्‍ट्रेशन के बाद आपको एक खास यूआईडी नंबर यानी खास रजिस्‍ट्रेशन नंबर मिलेगा. 

कैसे बनेगा कार्ड 

फॉर्म ऑनलाइन जमा करना होगा और इसके बाद किसान मिट्टी के नमूनों की स्थिति बाद में वेबसाइट पर वैरीफाई कर सकते हैं. उन्हें लॉग इन करने की जरूरत नहीं होगी. बस अपने गांव का नाम, उप-जिला, जिला, राज्य, नाम और मिट्टी रजिस्‍ट्रेशन नंबर को सेलेक्‍ट करके वो मिट्टी की स्थिति की जांच कर सकते हैं. सरकार द्वारा पंजीकरण और प्रमाणीकरण के बाद किसान अपने मृदा स्वास्थ्य कार्ड को इंटरनेट से भी प्रिंट कर सकते हैं. 'प्रिंट सॉइल हेल्थ कार्ड' टैब पर क्लिक करके वो अपना कार्ड अंग्रेजी या हिंदी में हासिल प्राप्त कर सकते हैं.