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बक्सर के चौसा में शुरू होगा नया किसान आंदोलन, राकेश टिकैत का ऐलान

बक्सर के चौसा में शुरू होगा नया किसान आंदोलन, राकेश टिकैत का ऐलान

राकेश टिकैत ने कहा, जो किसान चार लाठी से डर गए, वह अपनी जमीन फिर दे दें. सभी किसान अपने घर में रहें. अपनी फसलों की कटाई करें. आंदोलन तब होगा जब पावर प्लांट में ट्रैक्टर किसान लेकर घुसेंगे. वहीं चार सौ पार के सवाल पर बोले कि यह केवल भ्रम में है.

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राकेश टिकैत का ऐलान राकेश टिकैत का ऐलान

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत बुधवार को बिहार के चौसा पहुंचे जहां पावर प्लांट का मामला गर्म है. अभी हाल में यहां पुलिस और स्थानीय लोगों में झड़प हुई थी जिसमें आम लोगों पर लाठीचार्ज की खबरें आई थीं. किसान नेता राकेश टिकैत ने बक्सर के होमगार्ड मैदान में किसान महापंचायत में बोलते हुए कहा कि चुनाव के बाद चौसा में बड़ा आंदोलन किया जाएगा. वहीं जो लोग बिहार में डबल इंजन की सरकार की बात कर रहे हैं, उनको बता दें कि डबल नहीं बल्कि डेढ़ वाली सरकार है. अभी बिहार के चौसा में आंदोलन शुरू ही नहीं हुआ है. चार लाठी खाने से आंदोलन नहीं होता है. अभी तो प्रशासन डरा रहा है. अभी तो बहुत कुछ होना बाक़ी है. 

शुरू होगा किसान आंदोलन

राकेश टिकैत ने कहा, जो किसान चार लाठी से डर गए, वह अपनी जमीन फिर दे दें. सभी किसान अपने घर में रहें. अपनी फसलों की कटाई करें. आंदोलन तब होगा जब पावर प्लांट में ट्रैक्टर किसान लेकर घुसेंगे. वहीं चार सौ पार के सवाल पर बोले कि यह केवल भ्रम में है. टिकैत ने कहा, चौसा के बनारपुर, कोचाढ़ी सहित मोहनपुरवा गांव में जो घटना हुई, वह सरकारी सह के बिना संभव नहीं है. पुलिस प्रशासन की ओर से दहशतगर्दी का माहौल बनाया जाता है जिससे लोग दहशत में आ जाएं. अभी आंदोलन शुरू नहीं हुआ है. जब किसान अपनी जमीन नहीं देगा. चौसा थर्मल पावर प्लांट में ट्रैक्टर लेकर अपनी जमीन को जोतने जाओगे, तो प्रशासन आंसू गैस के गोले छोड़ेगा. तब किसान आंदोलन शुरू होगा. 

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यह डेढ़िया सरकार है

टिकैत ने कहा, कुछ किसानों के जेल में जाने से किसान आंदोलन बंद नहीं हो जाते हैं. चुनाव हो जाने दीजिए. उसके बाद किसान आंदोलन देखा जाएगा. यह डेढ़िया सरकार है. इनका चलने वाला नहीं है. लंबे समय तक बक्सर में एक मोर्चा लगेगा. किसान को डरने की ज़रूरत नहीं है. किसान अपनी गेहूं की कटाई करें. अपने घर में रहें. अभी लाठी चली है. टिकैत ने कहा कि आंदोलन का रास्ता जेल से होकर जाता है. नेता की पाठशाला जेल में होती है.दसवीं की परीक्षा नेता जेल से ही देता है, तब वह नेता बनता है. वही मतदान को लेकर कहा कि आप अपना वोट जरूर दें. नोटा देने की जरूरत नहीं है. अब ट्रैक्टर रैली नहीं अब खेत में ट्रैक्टर चलेगा. वहीं जिस दिन जमीन जोतने जाएंगे और पुलिस रोकेगी तब किसान आंदोलन शुरू होगा.

किसान क्यों कर रहे हैं आंदोलन

यह मामला चौसा के पावर प्लांट से जुड़ा है जहां किसान अपनी जमीन के मुआवजे के लिए आंदोलन कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि उन्हें मुआवजे का उचित पैसा नहीं मिला और नौकरी का वादा हुआ था, वह भी पूरा नहीं हुआ. इसे लेकर किसान कई दिनों से पावर प्लांट के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस विरोध को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने लाठीचार्ज किया था जिसकी कई तस्वीरें वायरल हुई थीं. किसानों पर हुए 'अत्याचार' के खिलाफ राकेश टिकैत बक्सर पहुंचे और किसानों को संबोधित किया.