हरियाणा के सोनीपत के नाहरा गांव में ग्रामीण लंबे समय से एचटी लाइन को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. नाहरा गांव के खेतों में चल रहे धरने पर एक बार फिर ग्रामीणों ने महापंचायत बुलाई है. महापंचायत से पहले सोनीपत डीसी मनोज कुमार ने ग्रामीणों और सरपंचों को मिलने के लिए बुलाया था. वहीं बैठक के बाद ग्रामीणों ने बताया कि मुआवजा राशि को लेकर सोनीपत डीसी से चर्चा हुई थी, जिसमें 16 तारीख तक का समय दिया गया था, लेकिन ग्रामीणों ने यह रुख रखा कि 16 तक काम बंद कर दिया जाए, लेकिन काम अभी भी जारी है. इसके चलते कोई सहमति नहीं बन पाई और कल एक बार फिर से महापंचायत होगी जिसमें कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है.
आपको बता दें कि एचटी लाइन निर्माण के विरोध में सोनीपत गांव के ग्रामीण काफी समय से नाहरा के खेतों में धरने पर बैठे हुए हैं और बार-बार महापंचायत बुलाई जा रही है. इसके बाद कई बार पोल के लिए खोदे गए गड्ढे भी भरे गए, लेकिन प्रशासन की मौजूदगी में बार-बार काम शुरू कर दिया जाता है. ग्रामीण सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि सरकार करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव खरीदना चाहती है और किसान मुआवजा राशि से सहमत नहीं हैं और विरोध कर रहे हैं. एक बार फिर ग्रामीणों ने बड़ी महापंचायत बुलाई है, लेकिन इस महापंचायत से पहले सोनीपत डीसी मनोज कुमार ने ग्रामीणों और सरपंच को मिलने के लिए बुलाया था.
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ग्रामीणों ने सोनीपत के सामने अपना पक्ष रखा है. बैठक के बाद ग्रामीणों ने कहा कि हरियाणा सरकार अधिनियम और 2023 अधिनियम के तहत जो भी मुआवजा राशि दी जाती है, वह अधिक है. लेकिन मुआवजा राशि दी जा रही है वह बहुत कम है जिससे ग्रामीण और किसान खुश नहीं हैं. किसानों का कहना है कि 16 तारीख तक का समय दिया गया था कि 16 तारीख को सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी किसानों से बात करेंगे और सरकार के सामने अपना पक्ष रखेंगे. किसानों का कहना है कि तय हुआ था कि 16 तारीख तक मतदान कार्य रोक दिया जाए, लेकिन काम रोकने पर कोई सहमति नहीं दिखी. जिसके बाद ग्रामीण एक बार फिर से महापंचायत करेंगे. इस महापंचायत के बाद जो भी निर्णय लिया जाएगा वह सम्मानजनक होगा. वही ग्रामीणों ने कुछ बड़े और कड़े फैसले का संकेत दिया है जो कि महापंचायत के बाद लिया जा सकता है.
बैठक के बाद सोनीपत डीसी मनोज कुमार ने बताया कि किसानों और ग्रामीणों को मिलने के लिए बुलाया गया था और मुआवजा राशि को लेकर कुछ असहमति है. इसके बाद किसानों के जो भी बिंदु हैं उन्हें लिखित में देने को कहा गया है और किसानों की बात सरकार को भेज दी गई है. उन्होंने किसानों से कानून-व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी तरह से कानून को अपने हाथ में नहीं लेने की अपील की है.
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