पिछले कुछ सालों से खेती के क्षेत्र में आधुनिक और डिजिटल तकनीक का प्रयोग बढ़ा है. ऐसे में सरकार की ओर से किसानों की फार्मर आईडी बनाने की घोषणा की गई थी जिसके बाद 07 फरवरी 2024 तक देश के देश के दो करोड़ से अधिक (2,05,59,196) किसानों की आईडी बनाई जा चुकी है. सरकार की ओर से 2026-27 तक 11 करोड़ किसानों की डिजिटल फार्मर आईडी बनाने का लक्ष्य रखा गया है. किसान डेटाबेस देश भर में महिला किसानों के साथ-साथ सभी भूमि धारक किसानों को कवर करेगा. आपको बता दें कि फार्मर आईडी में लैंड रिकॉर्ड की जानकारी भी जोड़ी जाती है. विरासत और भूमि के लेनदेन को शामिल करने के लिए भूमि रिकॉर्ड संबंधित जानकारी राज्य सरकारों द्वारा अपडेट की जाती है.
फार्मर आईडी बनाने के बाद किसानों को सरकार की ओर से चलाई जाने वाली PMKSNY, फसल बीमा योजाना सहित सभी तरह की योजनाओं का लाभ मिलने में आसानी होगी. किसानों को सब्सिडी और लोन मिलने में आसानी होगी. किसानों के लैंड रिकॉर्ड की डिटेल डिजिटल रूप में सुरक्षित रहेगी. सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बार-बार कराई जाने वाली KYC से भी छुटकारा मिलेगा, जिससे समय और पैसों की भी बचत होगी.
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योजनाओं के नाम पर हो रही धोखाधड़ी से भी किसान बचे रहेंगे. इन सब के साथ ही योजनाओं का लाभ सही किसान तक सीधे उसके खाते में पहुंचेगा, फर्जी और अपात्र किसानों को छांटना भी आसान होगा.
डिजिटल फार्मर आईडी के फायदे जानने के बाद किसान ये जरूर जानना चाहेंगे कि इसको बनवाने के लिए क्या पात्रता चाहिए? फार्मर आईडी बनवाने के लिए पात्रता और ड्याक्यूमेंट्स के बारे में जान लेते हैं.
इन दस्तावेजों का होना जरूरी है
अगर आप भी अपनी डिजिटल फार्मर आईडी बनवाना चाहते हैं तो इसके लिए जन सेवा केंद्र में आवेदन कर सकते हैं. गांव-गांव में कैंप लगा कर भी आईडी बनाई जा रही है. आप पोर्टल पर जा कर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करा सकते हैं.
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