जल संकट को देखते हुए पानी बचाने, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने और पर्यावरण की रक्षा करने के उद्देश्य से अलग-अलग कृषि योजनाओं के तहत सरकारी प्रोत्साहन के लिए आवेदन करने वाले किसान अभी भी अपने भुगतान का इंतजार कर रहे हैं. आश्वासनों के बावजूद, देरी से भुगतान ने उन किसानों में निराशा पैदा कर दी है, जिन्होंने पिछले साल इन योजनाओं के तहत टिकाऊ खेती के तरीके अपनाए थे.
डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) योजना के तहत किसानों को DSR तकनीक का उपयोग करने के लिए प्रति एकड़ 4,000 रुपये मिलते हैं, जिसमें कम पानी की जरूरत होती है. इसी तरह, मेरी पानी मेरी विरासत (MPMV) योजना के तहत, वे पानी की अधिक खपत वाली धान की फसल को छोड़कर दूसरी फसल लगाने के लिए 7,000 रुपये प्रति एकड़ किसानों को देने की बात कही है.
इसके अलावा, फसल अवशेष प्रबंधन (CRM) योजना धान की पराली को जलाने के बजाय उसके इन-सीटू और एक्स-सीटू प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए प्रति एकड़ 1,000 रुपये का प्रोत्साहन राशि देती है. हालांकि, इनमें से कोई भी भुगतान अभी तक जारी नहीं किया गया है. सात एकड़ भूमि पर DSR प्रोत्साहन के लिए आवेदन करने वाले किसान ओम प्रकाश ने 'द ट्रिब्यून' को कहा, "मैंने प्रोत्साहन के लिए आवेदन किया था, लेकिन मुझे अभी तक कोई भुगतान नहीं मिला है. अगर सरकार चाहती है कि हम इन योजनाओं को अपनाएं, तो उसे समय पर प्रोत्साहन और मुआवज़ा जारी करना चाहिए."
आंकड़ों के अनुसार, अंबाला में 15,350 से अधिक किसानों ने सीआरएम योजना के लिए आवेदन किया, जिसमें 1.18 लाख एकड़ से अधिक जमीन शामिल है. डीएसआर अपनाने के लिए, 1,060 किसानों ने आवेदन किया, जिसमें लगभग 6,100 एकड़ भूमि शामिल है. नाम न बताने की शर्त पर कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "सीआरएम (CRM), डीएसआर (DSR) और एमपीएमवी (MPMV) के लिए प्रोत्साहन अभी जारी नहीं किए गए हैं. एमपीएमवी योजना मुख्यालय स्तर पर संचालित की जाती है, और किसान अपडेट के लिए जिला और ब्लॉक-स्तरीय कार्यालयों से संपर्क कर रहे हैं. देरी अधिकारियों के लिए भी चिंता का विषय है, क्योंकि फील्ड स्टाफ को समय पर भुगतान के बिना किसानों को इन योजनाओं को अपनाने के लिए मनाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है."
ये भी पढ़ें: यूपी में अगले 24 घंटे में बारिश का अलर्ट, 40KM की रफ्तार से चलेंगी तेज हवाएं, पढ़ें- IMD का ताजा अपडेट
अंबाला के कृषि उपनिदेशक (डीडीए) जसविंदर सैनी ने कहा, "चेक किया गया डेटा मुख्यालय को भेज दिया गया है और प्रोत्साहन जल्द ही जारी होने की उम्मीद है. हम किसानों को इन योजनाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना जारी रखेंगे क्योंकि ये कृषि और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद हैं." बीकेयू (चढ़ूनी) के प्रवक्ता राकेश बैंस ने हालिया बजट में प्रोत्साहन राशि बढ़ाने के साथ-साथ भुगतान जारी करने में विफल रहने के लिए सरकार की आलोचना की.
"सरकार ने प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की घोषणा की है. सीआरएम के लिए 1,200 रुपये प्रति एकड़, डीएसआर के लिए 4,500 रुपये प्रति एकड़ और एमपीएमवी के लिए 8,000 रुपये प्रति एकड़ है. हालांकि, पिछले साल के प्रोत्साहन का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. यह वृद्धि अपर्याप्त है और देरी किसानों को इन योजनाओं को अपनाने से रोकती है. अगर सरकार फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना चाहती है और पराली जलाना बंद करना चाहती है, तो उसे प्रोत्साहन राशि में और वृद्धि करनी चाहिए और समय पर राशि जारी करनी चाहिए."
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today