आम बजट से इस बार भी कृषि क्षेत्र को काफी उम्मीद है, क्योंकि किसानों और कृषि का विकास मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल रहा है. इस क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि कृषि बजट में इजाफा होने की प्रबल संभावना है. चालू वित्त वर्ष के लिए कृषि क्षेत्र का बजट 123960.75 करोड़ रुपये था. इसे 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये किया जा सकता है. इस क्षेत्र की महत्ता को देखते हुए हर सरकार हर साल इसमें कुछ न कुछ इजाफा करती रही है. वर्ष 2013-14 में कृषि विभाग के लिए सिर्फ 21,933.50 करोड़ रुपये का बजट आवंटन था. पीएम किसान स्कीम की रकम को सालाना 6000 से बढ़ाकर 8000 रुपये किया जा सकता है.
बहरहाल, मंगलवार को इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) आएगा. इससे देश की अर्थव्यवस्था का पूर्वानुमान लगेगा. पता चलेगा कि कृषि क्षेत्र की कितनी ग्रोथ है. यह मैन्यूफेक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के सामने कहां टिक रहा है. कितने ट्रैक्टर बिके, एमएसपी के तौर पर किसानों को कितना पैसा दिया गया, फसलों का क्या हाल रहा, पशुपालन, डेयरी और मछलीपालन क्षेत्र का क्या हाल है, इन सब बातों की जानकारी मिलेगी. इसके आधार पर बजट की तस्वीर काफी कुछ साफ हो जाएगी.
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बहरहाल, कृषि क्षेत्र में फसल विविधीकरण एक बड़ी जरूरत है और उम्मीद है कि सरकार इसके लिए कोई बड़ा एलान कर सकती है. खासतौर पर पानी की बढ़ती समस्या को देखते हुए धान जैसी अधिक पानी वाली फसलों को डिस्करेज करने के लिए कुछ प्रोत्साहन एलान हो सकते हैं. हरियाणा में ऐसी योजना चल रही है जिसमें धान की खेती छोड़ने के बदले में किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. इसकी वजह से हरियाणा में धान का रकबा पहले से काफी कम हो गया है.
खेती में फ्लड इरीगेशन को बंद करने के लिए सरकार माइक्रो इरीगेशन स्कीम चला रही है. इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार मिलकर हर खेत तक पानी पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके तहत 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी पर किसानों को ड्रिप, स्प्रिंकलर और रेन गन सिंचाई सिस्टम उपलब्ध करवाया जा रहा है. खेत में तालाब निर्माण के लिए भी पैसा दिया जा रहा है. जानकारों का कहना है कि इस स्कीम का बजट 10 हजार करोड़ से आगे बढ़ाया जा सकता है.
स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एलान हो सकते हैं. इस वक्त देश में 1500 के आसपास कृषि स्टार्टअप काम कर रहे हैं. जिनके सामने फंडिंग की बड़ी समस्या है. इसे लेकर एलान हो सकता है. डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन को बढ़ावा देने के लिए एलान संभव है.
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किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) किसानों के लिए बहुत मददगार बनकर उभरा है. कृषि क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि सरकार इसे लेकर कोई न कोई बड़ी राहत दे सकती है. खेती के लिए जीरो परसेंट ब्याज पर एक लाख रुपये देने का एलान हो सकता है. डेयरी या मछलीपालन पालन के लिए भी केसीसी की लिमिट 3 लाख किए जाने की संभावना जताई जा रही है. इसके अलावा गारंटी फ्री केसीसी लोन की सीमा बढ़ाई जा सकती है.
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