भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां करोड़ों किसान खेती-किसानी पर निर्भर हैं. किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और उन्हें तकनीकी सहायता देने के लिए भारत सरकार समय-समय पर अनेक योजनाएं चलाती है. आज हम आपको बताएंगे भारत की टॉप 5 कृषि योजनाओं के बारे में, जिनका लाभ लेकर किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं और जीवन को बेहतर बना सकते हैं. अक्सर किसानों को खेती-बाड़ी से जुड़ी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में इन योजनाओं का लाभ उठाकर किसान उसी काम को बड़ी आसानी से कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की शुरुआत 2019 में हुई थी. इसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है. इस योजना के तहत हर वर्ष 6,000 रुपये की राशि तीन किस्तों में सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है.
अब तक देशभर में 11 करोड़ से अधिक किसानों को 2.81 लाख करोड़ रुपये की सहायता राशि DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से प्रदान की जा चुकी है. यह योजना किसानों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में मददगार साबित हो रही है.
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प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना (PM-KMY) की शुरुआत 2019 में की गई थी. इस योजना का उद्देश्य बुढ़ापे में किसानों को आर्थिक सुरक्षा देना है. 18 से 40 वर्ष की उम्र के छोटे और सीमांत किसान इस योजना में शामिल होकर 55 से 200 रुपये प्रति माह का योगदान करते हैं, और केंद्र सरकार भी उतनी ही राशि योगदान करती है.
60 वर्ष की उम्र पूरी करने पर किसान को हर माह 3,000 रुपये की पेंशन मिलती है. इस योजना का संचालन LIC (Life Insurance Corporation) द्वारा किया जाता है और पंजीकरण CSC केंद्रों के माध्यम से होता है. अब तक 23.38 लाख किसान इस योजना से जुड़ चुके हैं.
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) वर्ष 2016 में शुरू की गई थी. इस योजना का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान से सुरक्षा प्रदान करना है. इसमें फसल बोने से लेकर कटाई तक सभी चरणों के जोखिमों को कवर किया जाता है.
अब तक इस योजना के अंतर्गत 5549.40 लाख किसानों का बीमा किया जा चुका है और ₹1.5 लाख करोड़ से अधिक की राशि बीमा दावों के रूप में दी गई है. यह योजना किसानों के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच है.
ब्याज सहायता योजना के तहत किसानों को कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराया जाता है. 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक कृषि ऋण पर किसानों को केवल 7% वार्षिक ब्याज देना होता है. समय पर भुगतान करने वाले किसानों को 3% अतिरिक्त सब्सिडी मिलती है जिससे प्रभावी ब्याज दर केवल 4% रह जाती है.
इस योजना के तहत फसल कटाई के बाद भंडारण के लिए लोन, प्राकृतिक आपदा के समय ऋण सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) से भी जुड़े लाभ दिए जाते हैं. 5 जनवरी 2024 तक 465.42 लाख नए KCC आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं.
कृषि क्षेत्र में तकनीक को बढ़ावा देने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने हाल ही में नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि वे किसानों को उर्वरक और कीटनाशक छिड़काव की सेवा दे सकें.
सरकार ड्रोन खरीदने के लिए 80% तक की सब्सिडी (अधिकतम 8 लाख रुपये) देती है और बाकी की राशि कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग फसिलिटी (AIF) के तहत लोन लेकर चुकाई जा सकती है. इस योजना से महिलाओं को प्रति वर्ष 1 लाख रुपये तक की अतिरिक्त आय का अवसर मिलेगा.
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