किसानों की आत्महत्याएं कम करने के लिए अब महाराष्ट्र सरकार एक नई योजना शुरू करने जा रही है. खबर है कि महाराष्ट्र सरकार कृषि मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए अब जल्द ही एक नई योजना शुरू करेगी. कृषि राज्य मंत्री आशीष जायसवाल ने गुरुवार को विधानसभा में इसकी जानकारी दी है. नियम 293 के तहत विपक्षी सदस्यों की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव का जवाब देते हुए जायसवाल ने ये बात रही है. उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य किसानों की आत्महत्या को शून्य तक लाना है. किसानों को सहारा देने और कृषि क्षेत्र को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं.
कृषि राज्य मंत्री आशीष जायसवाल ने विधानसभा में कहा कि राज्य में 1.71 करोड़ किसान हैं. संकट के समय सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है. अब तक नमो शेतकरी सम्मान योजना, फसल बीमा योजना, कृषि मशीनीकरण कार्यक्रम और गोपीनाथ मुंडे शेतकरी अनुदान योजना जैसी स्कीमों के माध्यम से किसान कल्याण पर 69,889 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. उन्होंने सदन को बताया कि पिछले 3 सालों में नमो शेतकरी सम्मान योजना के तहत 56,293 करोड़ रुपये बांटे गए हैं, जबकि मुख्यमंत्री बलिराजा बिजली सब्सिडी योजना के तहत 19,310 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, इसी में एससी/एसटी किसानों के लिए भी राशि शामिल है. इसके अलावा जायसवाल ने कहा, "फसल बीमा योजना के माध्यम से 16,389 करोड़ रुपये वितरित किए गए और फसल नुकसान के मुआवजे के रूप में 19,592 करोड़ रुपये किसानों को दिए गए."
कृषि राज्य मंत्री आशीष जायसवाल ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार जल्द ही कृषि मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक नई योजना शुरू करेगी. साथ ही हम एक नई वन्यजीव फसल सुरक्षा नीति विकसित कर रहे हैं. इसके तहत जंगली जानवरों के घुसपैठ और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को सब्सिडी और सहायता दी जाएगी. 45,000 किलोमीटर 'धान की सड़कें' बनाने की योजना पर काम चल रहा है. 1 रुपये की फसल बीमा योजना में सुधार के कारण सरकार कृषि क्षेत्र में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
मंत्री ने सदन को बताया कि फसल प्रबंधन और कीट नियंत्रण के लिए, 500 करोड़ रुपये की लागत वाली AI आधारित नीति लागू की जाएगी. इसके अलावा MR-SAC उपग्रह डेटा का उपयोग करके त्वरित पंचनामा सर्वेक्षण भी किए जाएंगे. जायसवाल ने आगे ये भी कहा कि उर्वरक लिंकेज के मुद्दों के समाधान के लिए हर एक तालुका में विशेष अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे. वहीं, रासायनिक उर्वरकों पर राज्य के सब्सिडी बोझ को कम करने के लिए जैविक और प्राकृतिक खेती को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है."
विपक्षी सदस्यों की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव का जवाब देते हुए जायसवाल ने कहा कि कृषि क्षेत्र को और समृद्ध बनाने के लिए, सरकार निर्यातोन्मुखी (निर्यात की जाने वाली) फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है. साथ ही फसलों को परिसंपत्ति (ऐसेट) और देयता (लायबिलिटी) मूल्य के आधार पर वर्गीकृत किया गया है. उन्होंने कहा कि कृषि योजनाओं के तहत लाभ के लिए लॉटरी प्रणाली को बंद कर दिया गया है और अब सहायता पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दी जा रही है. जायसवाल ने सदन में बताया कि उच्च मांग वाली योजनाओं के लिए व्यय बढ़ाया जाएगा और साथ ही किसानों की जरूरतों की पहचान के लिए सर्वे भी कराया जाएगा.
PTI के इनपुट के साथ.
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