बाजार में भरपूर मात्रा में खाने-पीने के कई तरह के फल, सब्जी और उत्पाद उपलब्ध हैं, लेकिन फिर भी कुपोषण जैसी समस्यायें भी देखने को मिल जाती हैं. भागदौड़ भरी जिंदगी में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पोषक तत्त्वों सें युक्त सब्ज्यिों को भोजन में शामिल करना बेहद जरूरी है. इसलिए उपभोक्ता पोषण और औषधीय गुणों से युक्त केमिकल फ्री सब्जी ज्यादा कीमत चुकाकर भी खरीदने को तैयार रहते हैं. ऐसे में आईसीएआर से जुड़े वैज्ञानिकों महेश चौधरी, अनोप कुमारी और प्रकाश महला ने इन्हीं खासियत सें जुड़ी एक सब्जी की जानकारी दी है. इस सब्जी का नाम है ककोड़ा. इसका वानस्पतिक नाम मोमोर्डिका डायोका एल. है और यह करेला प्रजाति कुकुरबिटेसी का सदस्य है. ककोड़ा देखने में करेला जैसा लगता है, लेकिन साइज में उससे छोटा होता है.
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, विभिन्न जगहों पर इसे- वन करेला, कंटोला, चटैल, मीठा करेला, ककरोल, भर करेला जैसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है. अंग्रेजी में इसे स्पाइनी गॉर्ड या टीजल गॉर्ड कहा जाता है. इसके कच्चे फलों सें सब्जी बनाई की जाती है, जो स्वादिष्ट होने के साथ ही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है.
इसके फलों में विटामिन 'ए' प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है.
इसके फलों में रेशे मौजूद होते है, जो पाचन तंत्र को उत्तेजित करते हैं. कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन और नमी की मात्रा ज्यादा होने के कारण खाना पचाने में आसानी होती है.
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ककोड़ा में मौजूद फाइटो-पोषक तत्व, पॉलीपेप्टाइड-पी और पादप हाइपोग्लाइसीमिया घटक शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा शुगर लेवल को कम करने में मदद करते हैं.
शरीर में बहुत ज्यादा विषाक्त मुक्त कणों की मौजूदगी कैंसर के मुख्य कारणों में से एक है. इसमें मौजूद विटामिन-सी कैंसर से लड़ने में मददगार होता है.
यह बवासीर और पथरी जैसी समस्याओं से मुक्ति दिलाने में भी सहायक होता है. 5 ग्राम ककोड़ा पाउडर और 5 ग्राम चीनी का मिश्रण दिन में दो बार प्रयोग करने से बवासीर को ठीक किया जा सकता है.
बुखार और टीबी रोग से राहत पाने के लिए ककोड़ा की पत्तियों को पानी में उबाल लिया जाता है. इसके बाद उबले पानी में एक बड़ा चम्मच शहद का डालकर पीने से टीबी रोग से राहत मिलती है.
3 ग्राम पाउडर दिन में तीन बार पानी के साथ प्रयोग करने से खांसी से निजात पायी जा सकती है.
ककोड़ा में पानी की मात्रा अधिक होती है, जो वजन कम करने में सहायक है.
ककोड़ा ज्यादा रेशे होने की वजह से ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर करता है, साथ ही दिल से जुड़ी बीमारियों से भी बचाव करता है.
ककोड़ा में मौजूद विटामिन-सी रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है. विटामिन 'सी' शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाएं बढ़ाने में योगदान देता है. ये श्वेत रक्त कोशिकाएं शरीर को संक्रमण और वायरस से बचाती हैं.
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