अपनी उपज का सही दाम नहीं मिलने से नाराज किसानों ने उज्जैन कृषि उपज मंडी के बाहर लोगों को मुफ्त में प्याज बांटा. मंडी आए किसानों ने संयुक्त कृषक संगठन के बैनर तले प्रदर्शन करते हुए प्याज को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP में सम्मिलित किए जाने की मांग की. उज्जैन में किसानों ने उन नेताओं पर भी तंज किया, जो दाम बढ़ने पर प्याज की माला पहनकर प्रदर्शन के लिए आ जाते हैं. किसानों का कहना था कि आज जब किसानों की लागत नहीं निकल पा रही तो कोई भी उनकी खेर खबर लेने वाला नहीं है.
दरअसल इस साल किसानों को प्याज की खेती में जमकर नुकसान हुआ है. हालात ये हैं कि मंडी आने वाला अच्छे से अच्छा प्याज भी औने-पौने दाम में खरीदा जा रहा है जिससे किसानों को लागत तक निकालने में मुश्किल हो रही है. किसान बताते हैं कि मंडी में उनकी उपज एक रुपया, दो रुपये, पांच रुपये में खरीदी जा रही है. गांव में बारिश की वजह से प्याज सड़ रहा है. ऐसे में उनके पास कोई रास्ता ही नहीं बचा.
सोमवार को कृषि मंड़ी आए किसानों ने प्याज का न्यूनतम दाम मिलने के कारण मुफ्त में ही प्याज का वितरण कर दिया. किसानों ने मंडी गेट के बाहर प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की. किसानों की मांग है कि सरकार प्याज पर भी समर्थन मूल्य दे, ताकि किसानों को उनकी लगात तो मिल सके.
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आपको बता दें कि उज्जैन में, बेमौसम बारिश और आंधी-तूफान के कारण प्याज की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. कई किसानों की फसलें खेतों में ही सड़ गई है. किसान सरकार से लगातार मुआवजे की मांग कर रहे हैं. किसानों ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि यदि उनकी सुनवाई नहीं की जाती, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे.
किसानों ने मंडी के अंदर भारी संख्या में जुटकर विरोध प्रदर्शन किया और जय जवान-जय किसान के नारे लगाए. किसानों ने हाथों में पोस्टर लिए प्रदर्शन किया. पोस्टर पर लिखा था-प्याज का मुफ्त वितरण. साथ ही किसानों ने प्लास्टिक की थैलियों में प्याज ले रखा था जिसे वे आम लोगों को बांट रहे थे. यहां तक कि किसान ट्रॉलियों में भी प्याज भरकर ले आए थे जिसे लेने वालों की भीड़ लगी थी. लोग मुफ्त का प्याज थैलियों में भर-भर कर ले गए. उज्जैन के संयुक्त कृषक संगठन की ओर से यह विरोध प्रदर्शन किया गया.
उज्जैन के परसोली गांव से मंडी आए किसान नंदकिशोर शर्मा ने कहा कि 10 साल पहले प्याज का भाव 20 रुपये किलो होता था और आज 5 रुपये पर पहुंच गया है. किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहा है. किसान ने कहा कि आज हम मंडी में प्याज बेचने आए थे, लेकिन उसका कोई मूल्य नहीं नहीं. यहां तक कि भाड़ा भी नहीं निकला. फिर किसान संगठन ने फैसला किया कि पूरी उपज को मुफ्त में बांटेंगे. हम शहरी लोगों को 5-5 किलो प्याज का मुफ्त वितरण कर रहे हैं.(संदीप कुलश्रेष्ठ की रिपोर्ट)
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