हरियाणा में रबी खरीद सीजन की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद किसानों द्वारा "मेरी फसल, मेरा ब्योरा" (एमएफएमबी) पोर्टल पर फसल पंजीकरण की दर अपेक्षाकृत कम रही है. सरकार ने किसानों को इस पंजीकरण की सुविधा देने के लिए पोर्टल को फिर से 27 मार्च तक खोल दिया है. यह कदम किसानों को Minimum Support Price (MSP) पर अपनी उपज बेचने का मौका देने के लिए उठाया गया है, ताकि वे निजी खरीदारों से कम कीमत पर अपनी फसल न बेचें.
कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में कुल 89.86 लाख एकड़ कृषि योग्य भूमि में से 60.21 लाख एकड़ रबी फसलों का पंजीकरण हो चुका है, जो कुल पंजीकरण का 67.01% है. हालांकि, इस आंकड़े में असमानता है, जहां कुछ जिलों में पंजीकरण दर अधिक है, जबकि कुछ जिलों में यह बहुत कम है.
पंजीकरण के मामले में चरखी दादरी में 91.72% पंजीकरण हुआ है, जो सबसे अधिक है. इसके बाद महेंद्रगढ़ (82.94%) और भिवानी (78.55%) जिले हैं. इन जिलों के किसानों को एमएसपी पर अपनी उपज बेचने में कोई परेशानी नहीं होगी.
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हालांकि, गुरुग्राम (42.33%), मेवात (43.20%) और सोनीपत (45.20%) सहित कुछ जिलों में पंजीकरण दर काफी कम है. इन जिलों में पंजीकरण कम होने के कारण किसानों को अपनी उपज एमएसपी पर बेचने में दिक्कत आ सकती है. नतीजतन, किसानों को अपनी फसल निजी खरीदारों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, जिससे उन्हें अपनी उपज कम कीमत पर बेचनी पड़ सकती है.
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कृषि उपनिदेशक (डीडीए) डॉ. वजीर सिंह ने किसानों से जल्द से जल्द अपना पंजीकरण पूरा करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा, "हमने अपने प्रयासों में तेज़ी लाई है कि हर पात्र किसान अपनी ज़मीन और फ़सल को MFMB पोर्टल पर पंजीकृत करे. पंजीकरण के बिना किसान अपनी उपज अनाज मंडियों में नहीं बेच पाएंगे. हमारी टीमें घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चला रही हैं और प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए पंजीकरण कैंप लगा रही हैं."
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