केंद्र सरकार ने चालू रबी मार्केटिंग सत्र में हरियाणा और असम जैसे राज्यों में सरसों की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है. भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) के अनुसार, 20 मार्च तक इन दोनों राज्यों से कुल 864 टन से अधिक सरसों की खरीद की जा चुकी है. यह कदम किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरसों की बिक्री का अवसर देता है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होने की उम्मीद है.
कृषि मंत्रालय ने अब तक देश के अलग-अलग राज्यों से सरसों की खरीद को मंजूरी दी है. इन राज्यों में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, असम और छत्तीसगढ़ शामिल हैं. मंत्रालय ने चालू रबी सीजन में इन राज्यों से कुल 15 लाख टन सरसों की खरीद को मंजूरी दी है.
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राजस्थान में सोमवार को सरसों के मॉडल भाव 5,200 से 5,350 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहे. यह मूल्य किसानों के लिए बेहतर होने की संभावना जताता है, जो उन्हें अच्छा लाभ दिला सकता है.
2024-25 के लिए रेपसीड (सरसों) का उत्पादन 128.73 लाख टन रहने का अनुमान है. हालांकि, यह आंकड़ा पिछले साल के 132.59 लाख टन के मुकाबले करीब 3 फीसदी कम है. बावजूद इसके, सरकार ने किसानों के लिए एमएसपी पर सरसों की खरीद का बंदोबस्त किया है, ताकि वे आर्थिक रूप से सुरक्षित रहें.
कृषि मंत्रालय ने तेलंगाना राज्य में सूरजमुखी की खरीद को भी मंजूरी दी है. यहां 7280 रुपये के एमएसपी पर 1,972 टन सूरजमुखी की खरीद की जाएगी. 21 मार्च तक तेलंगाना से लगभग 1,033 टन सूरजमुखी खरीदी जा चुकी है.
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