Postal schemes ग्रामीण भारत में अभी भी अधिकांश परिवार आर्थिक असुरक्षा, कम आय और भविष्य की अनिश्चितताओं का सामना करते हैं. अचानक होने वाली दुर्घटना, बीमारी या परिवार के कमाऊ सदस्य की मृत्यु कई बार पूरे परिवार को आर्थिक संकट में धकेल देती है. ऐसे समय में जीवन बीमा बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है. लेकिन लंबे समय तक गांवों में बीमा योजनाओं की पहुंच सीमित रही. इसी कमी को दूर करने के लिए साल 1995 में ग्रामीण डाक जीवन बीमा यानी RPLI की शुरुआत की गई. इसका मकसद था कि हर गांव, हर परिवार तक सस्ती और भरोसेमंद बीमा योजना पहुंचाई जाए. यह योजना उन तमाम लोगों का सहारा है जो अक्सर इंश्योरेंस को महंगा समझकर उससे बचते हैं.
24 मार्च 1995 को शुरू हुई इस योजना की सिफारिश साल 1993 में मल्होत्रा कमेटी की तरफ से की गई थी. उस समय देश में सिर्फ 22 फीसदी आबादी ही बीमा के तहत थी. साथ ही जीवन बीमा फंड घरेलू बचत का सिर्फ 10 फीसदी था. सरकार ने इसे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों तक पहुंचाने के लिए डाकघरों के विशाल नेटवर्क और कम लागत का फायदा उठाया. इसका मुख्य उद्देश्य खासकर कमजोर वर्गों, महिला श्रमिकों और ग्रामीण परिवारों को जीवन बीमा सुरक्षा देना और बीमा जागरूकता फैलाना है. ग्रामीण डाक जीवन बीमा की खास बात इसकी कम प्रीमियम राशि है. सरकार ने इसे खास तौर पर कम और मध्यम आय वाले परिवारों को ध्यान में रखकर तैयार किया है.
बीमा की राशि भी काफी लचीली है और 10 हजार रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो जाती है. कोई भी ग्रामीण मजदूर, किसान, शिक्षक, पंचायत कर्मचारी या सेक्टर में काम कर रहा व्यक्ति इसे ले सकता है. इसके अलावा, परिवार के अन्य सदस्यों के लिए भी पॉलिसी लेना बेहद आसान है. डाक विभाग की तरफ से चलाई जा रही इस इंश्योरेंस पॉलिसी में 15 और 20 साल की अवधि वाले प्लान सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं.
इन योजनाओं में 5,000 के इंश्योर्ड अमाउंट पर प्रीमियम करीब 25 रुपये से शुरू होता है. इस रकम पर जाहिर सी बात है कि गांव में काम करने वाले मजदूर, किसान, छोटे दुकानदार और असंगठित क्षेत्र के लोग बहुत ही आसानी से इसका प्रीमियम अदा कर सकते हैं. यह सुविधा उन्हें कम खर्च में परिवार की आर्थिक सुरक्षा का मजबूत कवच प्रदान करती है. योजना में शामिल होने के बाद पॉलिसीधारक को निश्चित अवधि पूरा होने पर मूल राशि के साथ बोनस भी मिलता है, जिससे उसकी बचत और सुरक्षा दोनों मजबूत होती हैं.
RPLI में कई तरह की योजनाएं उपलब्ध हैं, जैसे ग्रामीण अंत्योदय योजना, ग्राम सुरक्षा योजना, बाल जीवन बीमा, ग्राम सुमंगल, ग्राम सुविधा आदि. इन योजनाओं में कुछ केवल सुरक्षा देती हैं, जबकि कुछ में निवेश का लाभ भी मिलता है. उदाहरण के लिए, ग्राम सुमंगल एक मनी-बैक पॉलिसी है जिसमें बीमा के साथ-साथ समय-समय पर धनवापसी भी मिलती है. वहीं बाल जीवन बीमा योजना का उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना ह, ताकि मुश्किल समय में भी उनकी पढ़ाई और भविष्य प्रभावित न हो. इस योजना में दावे का भुगतान भी सरल और तेज है. ग्रामीण डाकघर के कर्मचारी न सिर्फ बीमा करवाने में मदद करते हैं, बल्कि दावा दर्ज करवाने और राशि दिलवाने में भी पूरा सहयोग देते हैं. यही वजह है कि RPLI पर लोगों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है. आज लाखों ग्रामीण परिवार इस बीमा के सुरक्षा कवच से जुड़े हुए हैं और आर्थिक रूप से अधिक स्थिर महसूस करते हैं.
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