उत्तर प्रदेश के विकास में महिलाओं की अहम भागीदारी (फोटो- सोशल मीडिया)पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई 'नमो ड्रोन दीदी योजना' अब गांव-गांव की महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की राह बन रही है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बना रही है. आज ग्रामीण महिलाएं सिर्फ अपने परिवार की आर्थिक रीढ़ बनी हैं, बल्कि सैकड़ों दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा भी बन गई हैं. जिसका नतीजा हैं कि प्रदेश में महिलाएं लखपति दीदी तेजी से बन रही हैं. योगी सरकार ने महिला सशक्तिकरण (ड्रोन दीदी) खेती-किसानी को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए 'नमो ड्रोन दीदी योजना' जैसी पहल की गई है. इसके तहत महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दी जा रही है और उन्हें ड्रोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को टेक्नोलॉजी-आधारित रोजगार मिल रहा है.
कृषि-तकनीक ने अर्थव्यवस्था को दी नई दिशा
दरअसल, उत्तर प्रदेश में कृषि और टेक्नोलॉजी ने विकास को बुलेट ट्रेन की रफ्तार से आगे बढ़ाया है. कृषि-उत्पादन में बढ़ावा देने के लिए फूड-प्रोसेसिंग क्लस्टर, फल-फूल निर्यात मंडल, कोल्ड-चेन इंफ्रा जैसी परियोजनाएं चल रही हैं. मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश में डिजिटल एग्रीकल्चर इकोसिस्टम विकसित करने हेतु नीति बनाने के निर्देश दिए हैं. इसका उद्देश्य किसानों को आधुनिक तकनीक, बेहतर बीज और बाजार तक सीधी पहुंच प्रदान करना है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है. सरकार कृषि में शोध और विज्ञान के उपयोग को बढ़ावा दे रही है. यह प्रयास है कि किसानों का जुड़ाव आधुनिक तकनीकों और अनुसंधान से बढ़े, जिससे वर्तमान कृषि भूमि से तीन गुना तक उत्पादन प्राप्त किया जा सके.
वहीं महिलाओं की भागीदारी ने भी राज्य की अर्थव्यवस्था को नया आयाम दिया है. 2025 में मनरेगा के तहत महिलाओं की भागीदारी 42% तक पहुंच गई है. यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सामाजिक परिवर्तन का संकेत है. टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से महिलाओं को ई-मोबाइल तकनीक, स्मार्ट कृषि जानकारी, डिजिटल मार्केटिंग जैसे उपकरण मिले हैं, जिससे ग्रामीण महिला उद्यमिता को मदद मिली है. कृषि-विस्तार, तकनीकी-उपकरण और महिला-शक्ति ने राज्य की परंपराओं को आधुनिक अर्थव्यवस्था से जोड़ा है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को विकसित प्रदेश बनाने का संकल्प लिया था. उन्होंने कहा था कि “जब युवाओं को अपने राज्य में रोजगार मिलेगा तो पलायन रुकेगा और विकास को पंख लगेंगे. इसके लिए उन्होंने ODOP, MSME विस्तार, महिला-लघु उद्योग और स्मार्ट-इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स पर विशेष ध्यान दिया. आदिवासी समुदाय थारू जनजाति के लिए राज्य की पहल से 371 शहरी-स्वयं सहायता समूह बनाए और प्रत्येक समूह को वित्त-सहायता दी गई. यह योगी सरकार की नीति-दृष्टि को दर्शाता है जिसमें परंपरा को सम्मान, युवाओं को अवसर, और महिलाओं को हिस्सेदारी दी गई है. इस तरह योगी आदित्यनाथ की छवि ‘आस्था से अर्थव्यवस्था’ का पुल बनाने वाले नेता के रूप में उभर रही है.
योगी सरकार ने तय किया है कि विकास सिर्फ शहरों तक नहीं सीमित रहेगा बल्कि गांव-कस्बों, युवाओं-महिलाओं और पारंपरिक उद्योगों को भी विकास से जोड़ा जाएगा. यही वजह है कि ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ सिर्फ नारा नहीं बल्कि वास्तविकता बन रहा है. आज सीएम योगी आदित्यनाथ की छवि एक ऐसा नेता के रूप में उभर रही है जिसने परंपरा को आधुनिक अर्थव्यवस्था से जोड़ने का साहस दिखाया है.
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGS) को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से नमो ड्रोन दीदी योजना को वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक की अवधि के लिए ₹1,261 करोड़ के बजट के साथ स्वीकृति दी है. इस योजना के तहत देशभर में SHGS को 15,000 ड्रोन वितरित किए जाएंगे.
ये भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today