देश में पिछले एक महीने में हुई मूसलाधार बारिश से कई राज्यों में खरीफ फसलें काफी प्रभावित हुई हैं, जिससे किसान काफी परेशान हैं. किसानों की इन्हीं परेशानी को देखते हुए कृषि मंत्रालय ने लगभग सभी राज्यों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत फसलों के नुकसान का आकलन पूरा करने का निर्देश दिया है. यह कदम इसलिए उठाया गया है कि किसानों को फसल नुकसान का समय पर मुआवजा मिल सके, जिससे किसानों का आर्थिक नुकसान न हो और किसान अगली फसल की खेती की तैयारियों में जुट जाएं.
'फाइनेंशियल एक्सप्रेस' के मुताबिक, कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि जिन राज्यों के साथ केंद्र सरकार फसल बीमा योजना के तहत सब्सिडी देता है. उन राज्यों के कृषि विभाग से स्थानीय स्तर पर नुकसान की सूचना और निगरानी करने का आग्रह किया है. मंत्रालय कि ओर से कहा गया है कि किसानों के दावों का समय पर निपटान करने के लिए प्रीमियम सब्सिडी का अग्रिम हिस्सा बीमा कंपनियों को जारी किया जाए.
इसके अलावा फसल कवर देने वाली बीमा कंपनियों को समय-सीमा के भीतर सभी पात्र किसानों को सब्सिडी राशि देने के लिए कहा गया है. उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में पिछले महीने से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई राज्यों, विशेषकर महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान में खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है, जिसमें, धान, दालें, कपास और गन्ना फसल शामिल हैं.
राजस्थान सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि फसल बीमा योजना के अंतर्गत आने वाले किसानों को कटाई के चौदह दिनों के भीतर नुकसान होने पर मुआवजा दिया जाएगा. वहीं, पंजाब घोषणाओं के बावजूद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल नहीं हुआ है.
फसल बीमा योजना फसलों की बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक व्यापक जोखिम कवरेज करता है, जहां किसान रबी फसलों के लिए बीमित राशि का सिर्फ 1.5 फीसदी और खरीफ फसलों के लिए 2 फीसदी का निश्चित प्रीमियम देते हैं, जबकि नकदी फसलों के लिए यह 5 फीसदी है. बची हुई प्रीमियम को केन्द्र और राज्यों के बीच बराबर-बराबर बांटा जाता है.
वर्तमान में फसल बीमा योजना 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की गई है. इस बीच अब मिजोरम भी इस योजना में शामिल हो जाएगा, जो इस योजना को लागू करने वाला 24वां राज्य और केंद्र शासित प्रदेश होगा.
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