11 अक्टूबर को पीएम मोदी करेंगे ₹24,000 करोड़ की "प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना" का शुभारंभ, दलहन मिशन और AIF में भी बड़े ऐलान

11 अक्टूबर को पीएम मोदी करेंगे ₹24,000 करोड़ की "प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना" का शुभारंभ, दलहन मिशन और AIF में भी बड़े ऐलान

खेती-किसानी के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम. प्रधानमंत्री करेंगे ₹11,440 करोड़ के "दलहन आत्मनिर्भरता मिशन" की शुरुआत. कृषि, मत्स्य और पशुपालन से जुड़े 56 प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन और शिलान्यास. FPOs, AIF, प्राकृतिक खेती और कृषि ढांचे में ऐतिहासिक प्रगति. देश के 100 आकांक्षी जिलों में शुरू होगा "प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना".

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11 अक्टूबर को पीएम मोदी करेंगे ₹24,000 करोड़ की "प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना" का शुभारंभपीएम मोदी कृषि धन्य धान्य योजना की करेंगे शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर यानी शनिवार को को पूसा, दिल्ली में एक बड़े कार्यक्रम में कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर और वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाने वाले कई योजनाओं की शुरुआत करेंगे. इसकी जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. प्रधानमंत्री जिन योजनाओं की शुरुआत करेंगे, उन योजनाओं के बारे में नीचे जानकारी दी जा रही है-

  • "प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना" की शुरुआत 100 आकांक्षी जिलों में होगी, जिसमें ₹24,000 करोड़ का निवेश होगा.
  • "छह वर्षीय दलहन आत्मनिर्भरता मिशन" की भी घोषणा होगी, जिसका लक्ष्य 2030 तक भारत को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है.
  • मत्स्य, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से जुड़े ₹3,000 करोड़ के 56 प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन और शिलान्यास भी होगा.

इन कृषि योजनाओं से मिला लाभ

प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवराज सिंह चौहान ने कृषि योजनाओं की सफलता और उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि एफपीओ योजना के तहत 52 लाख किसान जुड़े, जिनमें 1,100 से ज्यादा "करोड़पति FPOs" बन चुके हैं. कृषि अवसंरचना कोष यानी AIF में ₹73,622 करोड़ की स्वीकृत परियोजनाएं हैं, जिससे 1.28 लाख से अधिक कृषि प्रोजेक्ट्स को बल मिला है. साथ ही, राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत 15 लाख से ज्यादा किसान, 30,000+ कृषि सखी, और लाखों हेक्टेयर रासायनिक-मुक्त कृषि भूमि का फायदा मिला है.

कृषि मंत्री ने कहा, एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम की भावना के साथ कृ‍षि मंत्रालय, अन्य संबद्ध मंत्रालयों और सभी राज्यों के साथ मिलकर देशभर में खेती किसान के समग्र विकास के लिए काम कर रहा है. हम सब मिलकर किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए मेहनतकश किसान भाइयों-बहनों के साथ प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व  में खेती किसानी को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं.

कृषि क्षेत्र की 5 बड़ी योजनाएं

1-दलहन मिशन:

  • ₹11,440 करोड़ का प्रावधान
  • 6 वर्षों में उत्पादन 242 लाख टन से बढ़ाकर 350 लाख टन का लक्ष्य
  • MSP पर 100% खरीद की गारंटी
  • 2 करोड़ किसानों को लाभ

2-प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना:

  • 100 आकांक्षी जिलों में शुरू
  • खेती की उत्पादकता, सिंचाई, भंडारण और ऋण सुविधा पर फोकस
  • कृषि क्षेत्र में रोजगार, निवेश और नवाचार को बढ़ावा

3-AIF योजना:

  • 35,000+ कस्टम हायरिंग सेंटर
  • 17,000+ गोदाम, 2,600+ कोल्ड स्टोरेज
  • 1.17 लाख करोड़ का कुल निवेश

4-FPO मिशन:

  • 10,000 FPO पूरे
  • ₹15,282 करोड़ का कारोबार
  • 39% महिला किसानों की भागीदारी

5-प्राकृतिक खेती मिशन:

  • पर्यावरणीय लाभ, रासायनिक लागत में कमी
  • 28 लाख किसान जागरूक
  • नई बाजार पहुंच और महिला सशक्तिकरण

पूसा, दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू में किसान हितैषी योजनाओं के लाभार्थियों से सीधा संवाद करेंगे, जिनमें दलहन उत्पादक किसानों के साथ ही कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ), प्राकृतिक खेती और कृषि अवसंरचना कोष से लाभान्वित किसान शामिल रहेंगे.

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, पूसा के खुले क्षेत्र में जहां हमारे खेत हैं और उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी सुब्रमण्यम हॉल में आकर इन दो योजनाओं को प्रमुख रूप से लॉन्च करेंगे और बाकी को प्रमाण पत्र देंगे या सम्मानित करने का काम करेंगे. 

लेकिन, केवल पूसा में ही यह कार्यक्रम नहीं होगा, प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम से हमारे 731 कृषि विज्ञान केंद्र, 113 हमारे आईसीएआर के संस्थान, हमारी मंडियां, किसान समृद्धि केंद्र, पंचायतों में भी कार्यक्रम होगा, ब्लॉक में कार्यक्रम होगा, जिलों में कार्यक्रम होगा, राज्य का एक प्रमुख कार्यक्रम होगा.

कृषि मंत्री ने कहा, हमारी कोशिश है कि भौतिक रूप से लगभग 1 करोड़ किसान सीधे कहीं ना कहीं से जुड़कर प्रधानमंत्री से प्रेरणा प्राप्त करें और ऑनलाइन भी कई जगह किसान देखेंगे,.लगभग सवा करोड़ किसान भाई-बहन ऑनलाइन जुड़ें यह प्रयास किया जाएगा. दो प्रमुख योजनाएं आत्मनिर्भरता की दृष्टि से, उत्पादकता बढ़ाने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण थी, प्रधानमंत्री उनका शुभारंभ करने वाले हैं.

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