AgriStack Yojana: अब किसानों को मिलेगी डिजिटल पहचान, 5 नए राज्य योजना में शामिल

AgriStack Yojana: अब किसानों को मिलेगी डिजिटल पहचान, 5 नए राज्य योजना में शामिल

भारत सरकार की किसान डिजिटल पहचान योजना में हरियाणा, उत्तराखंड समेत 5 नए राज्य जुड़ रहे हैं. अब तक 7.2 करोड़ किसान IDs जारी, लक्ष्य 2026 तक 11 करोड़ किसानों को जोड़ने का है.

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AgriStack Yojana: अब किसानों को मिलेगी डिजिटल पहचान, 5 नए राज्य योजना में शामिलडिजिटल पहचान पत्र

भारत सरकार की प्रमुख योजना ‘किसान पहचान पत्र’ (Kisan Pehchaan Patra) के अंतर्गत अब हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य भी जुड़ने जा रहे हैं. यह योजना किसानों को एक यूनिक डिजिटल आईडी देने के उद्देश्य से शुरू की गई है, जिससे सरकार को उनकी जानकारी, भूमि स्वामित्व और फसलों के पैटर्न को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी.

अब तक 14 राज्यों में बने किसान आईडी

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 14 राज्यों में 7.2 करोड़ से अधिक किसानों को डिजिटल पहचान पत्र जारी किए जा चुके हैं. सरकार का लक्ष्य है कि 2025-26 तक 9 करोड़ और उसके अगले साल तक 11 करोड़ किसानों को यह डिजिटल आईडी प्रदान की जाए.

सबसे आगे कौन से राज्य हैं?

डिजिटल किसान पहचान के मामले में कुछ राज्य काफी आगे हैं. इनमें टॉप 5 राज्य हैं:

  • उत्तर प्रदेश: 1.47 करोड़ किसान
  • महाराष्ट्र: 1.18 करोड़
  • मध्य प्रदेश: 91 लाख
  • राजस्थान: 78 लाख
  • गुजरात: 57 लाख

इसके अलावा आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे राज्य भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.

क्या है ‘एग्रीस्टैक’ योजना?

सरकार ने 2025-26 के लिए ‘AgriStack’ के अंतर्गत किसान रजिस्ट्रियों के विकास और डिजिटल क्रॉप सर्वे (DCS) के लिए कुल ₹6000 करोड़ का बजट निर्धारित किया है. इसमें 4000 करोड़ रुपये किसान रजिस्ट्रियों और लीगल हेयर सिस्टम के लिए हैं, जबकि 2000 करोड़ रुपये डिजिटल फसल सर्वे के लिए.

डिजिटल टूल्स से योजनाओं का बेहतर लाभ

इस योजना से सरकार को किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे और सही तरीके से पहुंचाने में मदद मिलेगी, जैसे:

  • पीएम किसान सम्मान निधि के तहत डायरेक्ट कैश ट्रांसफर
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)
  • डिजिटल एग्रीकल्चर क्रेडिट
  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card)

डिजिटल फसल सर्वे (DCS) की भूमिका

डिजिटल क्रॉप सर्वे 2025-26 के खरीफ सीजन में 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया गया है. इसका उपयोग अब फसल बीमा और किसान क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं में सत्यापन के लिए किया जा रहा है. यह देखा जा रहा है कि किसान ने जो फसल बताई है, वही वास्तव में बोई गई है या नहीं.

अब 29 राज्य जुड़ चुके हैं

फिलहाल देश के 29 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस योजना से जुड़ चुके हैं, सिर्फ पश्चिम बंगाल और कुछ अन्य UTs इससे बाहर हैं. 30 राज्यों ने सैद्धांतिक रूप से डिजिटल टूल्स को अपनाने की सहमति दे दी है.

किसानों के लिए तकनीक का लाभ

‘किसान पहचान पत्र’ योजना और ‘एग्रीस्टैक’ जैसी पहलें किसानों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती हैं. इससे जहां योजनाओं का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचेगा, वहीं सरकार को भी डेटा के माध्यम से योजनाओं को और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी.

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