प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अक्टूबर को झारखंड का दौरा करेंगे और 83,300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली अलग-अलग परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. पीएम मोदी हजारीबाग में दोपहर करीब 2 बजे 79,150 करोड़ रुपये से अधिक के कुल बजट के साथ धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ करेंगे. यह अभियान लगभग 63 हजार गांवों को कवर करेगा, जिससे 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 549 जिलों और 2740 ब्लॉकों के पांच करोड़ से अधिक आदिवासी लोगों को लाभ मिलेगा.
पीएम मोदी जनजातीय समुदायों के लिए शैक्षिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए 40 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) का उद्घाटन करेंगे और 2800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले 25 ईएमआरएस की आधारशिला रखेंगे. प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) के तहत 1360 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. इसमें 1380 किलोमीटर से अधिक सड़कें, 120 आंगनवाड़ी, 250 बहुउद्देश्यीय केंद्र और 10 स्कूल छात्रावास शामिल हैं.
प्रधानमंत्री पीएम जनमन के तहत ऐतिहासिक उपलब्धियों की एक शृंखला का भी अनावरण करेंगे, जिसमें लगभग तीन हजार गांवों में 75 हजार 800 से अधिक विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के घरों का बिजलीकरण, 275 मोबाइल मेडिकल इकाइयों का संचालन, 500 आंगनवाड़ी केंद्रों का संचालन, 250 वन धन विकास केंद्रों की स्थापना और 5550 से अधिक पीवीटीजी गांवों में नल का पानी शामिल है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले 10 दिनों में राज्य भर में निकाली गई भारतीय जनता पार्टी (BJP) की परिवर्तन यात्रा के समापन समारोह पर हजारीबाग के गांधी मैदान में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इस बीच कांग्रेस ने 17 दिनों के अंदर प्रधानमंत्री मोदी के दो बार झारखंड दौरे पर सवाल उठाए हैं. इस बीच कांग्रेस पार्टी ने कहा है, पीएम मोदी झारखंड को दूसरे राज्यों में होने वाले चुनावों की घोषणाओं का मंच न बनाएं. हमें बताएं कि झारखंड को विकास के लिए केंद्र सरकार से अब तक क्या मिला है.
प्रधानमंत्री के दौरे के बारे में यह बयान देते हुए प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने कहा कि बीजेपी के नेता झारखंड में पूछ रहे हैं कि उन्हें क्या मिला. उन्हें अपने अंदर झांककर बताना चाहिए कि झारखंड की जनता को केंद्र सरकार से क्या मिला. आज हर झारखंडी प्रधानमंत्री से जानना चाहेगा कि झारखंड को उसका हक कब मिलेगा.
उन्होंने कहा कि सरना कोड कब मिलेगा, पिछड़े वर्ग को उनका हक कब मिलेगा, झारखंड को उसका 136000 करोड़ कब मिलेगा, किसानों को उनका हक कब मिलेगा, आदिवासियों को उनका हक कब मिलेगा. प्रधानमंत्री को यहां की जनता को इसका जवाब देना चाहिए. झारखंड को सिर्फ घोषणाओं में जगह नहीं मिलनी चाहिए बल्कि झारखंडियों को उनका हक मिलना चाहिए, अगर हमें अपने हक के लिए संघर्ष करना पड़ा तो हम पीछे नहीं हटेंगे.
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झारखंड मुक्ति मोर्चा यानी कि JMM महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने भी पीएम के दौरे पर कटाक्ष किया है. उन्होंने पूछा है कि आदिवासियों के प्रति उनका प्यार चुनाव से पहले क्यों सामने आता है. अगर उन्हें वाकई आदिवासियों से प्यार है और उनकी परवाह है तो वे झारखंड का बकाया चुकाने की घोषणा क्यों नहीं करते. यह 1.36 लाख करोड़ रुपये की बड़ी रकम है. अगर वे 2 अक्टूबर को इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलते हैं तो झारखंड की जनता बीजेपी को सबक सिखाने के लिए पूरी तरह तैयार है. हम चुनाव के दौरान इस मुद्दे को उठाएंगे.
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