कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक आज यानी मंगलवार को नई दिल्ली में किसानों से मुलाकात की. इस मुलाकात में किसानों ने खेती-बाड़ी से संबंधित कई मुद्दे उठाए. इसमें सबसे खास फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और आवारा पशुओं का मुद्दा रहा. किसानों से यह मुलाकात नई दिल्ली स्थित आईसीएआर के पूसा परिसर में हुई. किसानों ने शिवराज सिंह चौहान से कहा कि कई फसलों का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा. आवारा पशुओं का मुद्दा भी उठाया गया.
किसानों ने शिवराज सिंह चौहान से कहा कि कई फसलों का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा. इसी में आवारा पशुओं का मुद्दा भी उठाया. बातचीत के क्रम में किसानों ने एमएसपी गारंटी का मुद्दा भी उठाया. यूपी के किसानों ने हल्दी की प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की मांग की, ताकि किसानों का लाभ बढ़े.
किसानों ने कहा कि आवारा पशुओं की समस्या की वजह से किसान नाराज हैं. इसकी वजह से लोकसभा चुनाव में यूपी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को नुकसान हुआ. किसानों ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके लिए जो खाद आ रही है वो कंपनियों में जा रही है और किसानों को नकली बीज मिल रहा है. किसानों को इससे घाटा हो रहा है. जिला उद्यान अधिकारी अपने चहेते लोगों को बीज दे देते हैं.
खेती-बाड़ी में व्यवस्था से जुड़े सुधारों पर कृषि मंत्री ने जोर दिया और कहा कि इस बारे में जिस तरह की तैयारी और काम करना होगा, वे करेंगे. अगर जरूरी होगा तो वे इसके लिए केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर बात करेंगे. इसे लेकर किसानों की ओर से कुछ सुझाव मिले हैं, जिस पर कृषि मंत्री ने गौर करने की बात कही.
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कृषि मंत्री ने कहा कि अगले हफ्ते रबी फसलों का सीजन शुरू होने वाला है. रबी फसल की बोवनी शुरू होने वाली है. अगले हफ्ते रबी फसलों की एमएसपी को लेकर विचार किया जाना है. किसानों ने लागत मूल्य को लेकर कुछ सुझाव दिए हैं जिस पर विचार किया जाएगा. फसल पद्धति बदल कर या अन्य किस उपाय से लागत मूल्य कम किया जा सकता है, इस पर विचार किया जाएगा.
रासायनिक खादों के इस्तेमाल को लेकर कृषि मंत्री ने कहा कि केमिकल फर्टिलाइज डालने की एक सीमा है, अगर उसका ध्यान नहीं रखआ तो धरती माता बीमार हो जाएगी. पहले धरती की मिट्टी में जिस तरह की नरमी होती थी, अब वैसी नहीं रही. केंचुए भी खत्म हो रहे हैं. अब केंचुआ दिखना ही बंद होने लगे. कीटनाशकों ने केंचुओं को खत्म कर दिया. पहले बरसात में केंचुआ घरों में घुसते थे. केंचुए पहले 40 फीट तक जमीन को पोली करते थे. उससे खाद बनती थी. इस तरह मित्र कीट अब खत्म हो रहे हैं. इससे आने वाला समय खराब साबित होगा. इसे देखते हुए किसान संगठन को धन्यवाद कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का सुझाव दिया है.
कृषि मंत्री ने कहा कि फसल बीमा का ढंग से प्रचार करेंगे. पहले से कवरेज बहुत ज्यादा बढ़ा है. लगभग 7 करोड़ किसान बीमा करवाते हैं, लेकिन संख्या देखें तो 12 करोड़ किसान हैं. छोटे किसान, विशेषकर सीमात और लघु किसान का ध्यान उस तरह नहीं जाता. इन किसानों के कवरेज पर भी जोर दिया जाएगा. गोवंश की रक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा. गोवंश की रक्षा और गोवंश से फसलों की रक्षा, दोनों विषय बहुत ही महत्वपूर्ण है.समाज के सहयोग के बिना सरकार इसे नहीं कर सकती. सरकार इसके लिए जागरुकता अभियान चलाएगी. गोशालाएं पशुओं की सुरक्षा नहीं रख सकतीं, इसलिए हमें फसलों की सुरक्षा के लिए किसी और उपाय पर ध्यान देना होगा.
कृषि मंत्री ने कहा कि अक्टूबर महीने से हम आधुनिक कृषि चौपाल शुरू कर रहे हैं जिसमें टीवी के माध्यम से प्रसारण किया जाएगा. इसमें टीवी पर वैज्ञानिक और किसान बैठेंगे. गांव में बैठे 100-200 किसान और वैज्ञानिक एक-दूसरे से चर्चा करेंगे, इसमें सवाल को प्रसारित किया जाएगा. धीरे-धीरे यह प्रोग्राम लोकप्रिय होगा. इसमें किसानों को आधुनिक कृषि की जानकारी देंगे. योजनाओं की भी जानकारी देंगे क्योंकि प्रचार-प्रसार के अभाव में कई चीजें नहीं हो पाती हैं.
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कृषि मंत्री ने कहा, किसानों को अच्छा बीच कैसे मिले, इसका भी अभियान चलाएंगे. अच्छा बीज सुनिश्चित करने के लिए अगर कानून में भी सख्ती लाने की जरूरत पड़ी तो करेंगे. घटिया बीज बिकने की दशा में क्या कार्रवाई हो सकती है, इसके लिए कानून को सख्त करेंगे.
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