185 गांवों की सिंचाई के लिए दो माइक्रो इरिगेशन प्रोजेक्ट शुरू, 50 फीसदी घट जाएगी किसानों की सिंचाई लागत 

185 गांवों की सिंचाई के लिए दो माइक्रो इरिगेशन प्रोजेक्ट शुरू, 50 फीसदी घट जाएगी किसानों की सिंचाई लागत 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंचित खेत, खुशहाल किसान और बदलते मध्यप्रदेश के लिए 58463 करोड़ रुपये लागत वाली 19 सिंचाई परियोजनाओं का भूमिपूजन किया है.

Advertisement
185 गांवों की सिंचाई के लिए दो माइक्रो इरिगेशन प्रोजेक्ट शुरू, 50 फीसदी घट जाएगी किसानों की सिंचाई लागत परियोजनाओं के जरिए किसानों की सिंचाई लागत 50 फीसदी से भी ज्यादा घट जाएगी.

मध्य प्रदेश सरकार फसलों की सिंचाई सुविधाओं के लिए तेजी से काम कर रही है. बीते दिसंबर 2024 में राज्य के किसानों को केन-बेतवा और काली-सिंध नदी जोड़ परियोजनाओं की शुरुआत की गई. अब राज्य सरकार ने 2 माइक्रो इरिगेशन प्रोजेक्ट की शुरुआत कर दी है. इन दोनों परियोजनाओं से 185 से ज्यादा गांवों के किसानों की सिंचाई दिक्कत दूर होगी और करीब 1 लाख हेक्टेयर खेती को पानी की दिक्कत का सामना नहीं करना होगा. यह भी कहा गया है कि इन परियोजनाओं के जरिए किसानों की सिंचाई लागत 50 फीसदी से भी ज्यादा घट जाएगी.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 11 जनवरी को सिंचित खेत, खुशहाल किसान और बदलते मध्यप्रदेश के लिए 𝟓𝟖𝟒𝟔𝟑 करोड़ रुपये लागत वाली 19 सिंचाई परियोजनाओं का भूमिपूजन किया है. इनमें सेंधवा उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना और निवाली माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना को बड़ी बदलावकारी योजनाओं के रूप में देखा जा रहा है. इन दोनों परियोजनाओं पर 2400 करोड़ से ज्यादा की लागत आने वाली है. इन योजनाओं के जरिए राज्य के किसानों को परेशान करने वाली सिंचाई दिक्कतों को दूर करना है. 

सिंचाई रकबा 1 करोड़ हेक्टेयर करने का टारगेट   

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में सिंचाई रकबे में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. 2003 में जहां सिंचाई रकबा 𝟑 लाख हेक्टेयर था, वह अब बढ़कर 50 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुका है. उन्होंने कहा कि 2028-29 तक हम इसे 1 करोड़ हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखते हैं. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए नदी जोड़ो परियोजनाओं के बाद अब माइक्रो सिंचाई परियोजनाओं की शुरुआत की गई है. 

माइक्रो सिंचाई प्रोजेक्ट से 185 गावों को फायदा 

राज्य कृषि विभाग के अनुसार सेंधवा उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना के जरिए राज्य के 𝟒𝟒𝟏𝟒𝟖.𝟓𝟎 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा मिलेगी. इस परियोजना की लागत 1402.50 करोड़ रुपये निर्धारित है. इस परियोजनाओं के जरिए 98 गांवों की फसलों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. इसी तरह निवाली माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के लिए 1088.24 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. निवाली परियोजना से 87 गांवों को सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी. 

सिंचाई लागत से आधी से भी कम हो जाएगी 

सेंधवा और निवाली माइक्रो सिंचाई परियोजनाओं से 185 गावों की फसलों को सिंचाई का पानी उपलब्ध हो सकेगा. इन गावों के किसानों को वर्तमान में सिंचाई के लिए मोटी लागत लगानी पड़ती है और समय से फसल को पानी भी नहीं मिल पाता है. इससे किसानों को कई बार कम उपज के साथ ही हल्की क्वालिटी हासिल होती है. दोनों सिंचाई परियोजनों से जुड़ने वाले गांवों के किसानों की सिंचाई लागत घटकर 50 फीसदी से भी कम हो जाएंगी. 

ये भी पढ़ें - 

POST A COMMENT