सरकार लोगों का वित्तीय लेखाजोखा रखने और पहचान पत्र के रूप में इस्तेमाल के लिए उन्हें पैन कार्ड जारी करती है. इसीलिए स्थायी खाता संख्या यानी पैन नंबर मनी ट्रांजैक्शन से जुड़ा बेहद जरूरी दस्तावेज है. आयकर विभाग पैन के जरिए लेनदेन को ट्रैक कर सकती है. ऐसे में आयकर विभाग ने सभी पैन यूजर्स को इसे आधार से लिंक करने को कहा था, लेकिन तय तारीख 30 जून तक 11 करोड़ से ज्यादा पैन लिंक नहीं किए जाने से उन्हें रद्द या निष्क्रिय कर दिया गया है. इसका मतलब है कि अब इन पैन कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. यदि कोई निष्क्रिय पैन का इस्तेमाल करता है तो उस पर मोटा जुर्माना लगाने के साथ ही कार्रवाई का प्रावधान है.
आयकर विभाग ने पैन यूजर्स के लिए आधार से लिंक करने की डेडलाइन 30 जून घोषित की थी और कहा था कि 1 जुलाई के बाद लिंक नहीं हुए पैन को निष्क्रिय कर दिया जाएगा. इसी क्रम में बीते दिन केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि लगभग 12 करोड़ पैन आधार से लिंक नहीं किए जा सके हैं, जिनमें से 11.5 करोड़ पैन को निष्क्रय कर दिया गया है. ऐसे में जिन यूजर्स के पैन कार्ड निष्क्रिय हो गए हैं उन्हें मनी ट्रांजैक्शन संबंधी कामों में दिक्कत आएगी.
आयकर अधिनियम के 114बी नियम में ट्रांजैक्शन शर्तों में बताया गया है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपना पैन नंबर बताना जरूरी है. इसमें 18 तरह लेनदेन के लिए पैन देना अनिवार्य है. पैन निष्क्रिय होने पर लेनदेन में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.आयकर नियमों के अनुसार निष्क्रिय पैन कार्ड का इस्तेमाल करना मना है. यदि कोई निष्क्रिय पैन का इस्तेमाल करता है तो 10,000 रुपये जुर्माना का प्रावधान है. इसके अलावा भी आयकर विभाग सख्त कार्रवाई कर सकता है.
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