मिलेट्स यानी कि मोटे अनाज या श्रीअन्न के शौकीनों के लिए दुखभरी खबर है. अभी तक ऐसी अटकलें थीं कि आगामी जीएसटी काउंसिल की बैठक में मिलेट से बने प्रोडक्ट जैसे कि मिलेट मिक्स पर जीएसटी की दर घट सकती है. ऐसी अटकलें थीं कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में मिलेट मिक्स पर मौजूदा 12 से 18 परसेंट जीएसटी को घटाकर शून्य या पांच परसेंट तक किया जाएगा. एक रिपोर्ट के मुताबिक, लेकिन अभी ऐसी कटौती होती नहीं दिख रही क्योंकि काउंसिल के सीनियर अधिकारियों ने इस मुद्दे को और भी गहराई से परखने की सलाह दी है. माल एवं सेवाकर (GST) से जुड़े काउंसिल के अधिकारी इस मुद्दे पर अभी और माथापच्ची करेंगे, तब जाकर जीएसटी कटौती पर कोई फैसला हो पाएगा.
फरवरी में काउंसिल ने मिलेट से बने हेल्थ मिक्स प्रोडक्ट पर जीएसटी घटाने पर विचार किया था. इसमें वैसे प्रोडक्ट को शामिल करने की बात थी जिसमें कम से कम 70 परसेंट तक मोटा अनाज मिला हो. इस मामले को फिटमेंट कमेटी के पास भेजा गया ताकि टैक्स कटौती को लेकर कोई सुझाव मिल सके. फिटमेंट कमेटी को इस बात का फैसला करना है कि मिलेट मिक्स का क्लासिफिकेशन कैसे करना है और किस प्रोडक्ट पर टैक्स का क्या रेट तय करना है. एक तरह से फैसला इस बात को लेकर होना है कि मिलेट मिक्स की परिभाषा क्या हो जिसमें अलग-अलग प्रोडक्ट शामिल किए जाएं और टैक्स कटौती का ऐलान हो सके.
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सूत्रों ने 'फाइनेंशियल एक्सप्रेस' को बताया कि मिलेट प्रोडक्ट के क्लासिफिकेशन और टैक्स कटौती का प्रभाव इससे मिलते-जुलते अन्य प्रोडक्ट पर पड़ेगा. यह असर एक साथ कई उत्पादों पर देखा जा सकता है. जैसे, इडली और डोसा मिक्स भी इसी तरह के प्रोडक्ट हैं जो सेहत के लिहाज से अच्छा माने जाते हैं. ऐसे में इडली-डोसा मिक्स पर टैक्स की दर क्या होगी, इसको लेकर मतभेद हो सकते हैं. इससे सरकारी कमाई पर उलटा असर पड़ सकता है.
उदाहरण के लिए, मोटे अनाज से बने आटे को प्रोसेस करने के बाद और उसमें वैल्यू एडिशन करने के बाद बेहतर क्वालिटी का प्रोडक्ट बनता है जिस पर टैक्स अधिक लगता है. दूसरी ओर, मोटे अनाज के आटे या रोस्टेड मिलेट पर टैक्स कम होता है जबकि दोनों तरह के प्रोडक्ट एक ही मिलेट या एक ही तरह के आटे से बनते हैं. इसके बावजूद टैक्स की दर अलग-अलग रहती है. इन्हीं बातों पर जीएसटी काउंसिल के अधिकारी विचार करेंगे जिसके बाद मिलेट मिक्स पर टैक्स घटाने का फैसला होगा.
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देश में बड़े पैमाने पर मोटे अनाज का उत्पादन करने वाले राज्य मिलेट से बने प्रोडक्ट पर टैक्स घटाने की मांग कर रहे हैं. इसमें ओडिशा राज्य प्रमुख है. ओडिशा का मानना है कि मिलेट मिक्स पर टैक्स में कटौती होने से न्यूट्रिशनल फूड चेन को प्रमोट करने का मौका मिलेगा. ओडिशा की एक सलाह ये भी है कि मिलेट मिक्स में अभी कम से कम 70 परसेंट तक मोटे अनाज मिले होने का नियम रखा गया है जिसे घटाकर 50 परसेंट करना चाहिए. इन सभी बातों पर जीएसटी काउंसिल विचार करेगा जिसके बाद ही टैक्स कटौती पर कोई फैसला हो पाएगा.
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