केरल के पशुपालकों के लिए खुशखबरी, मवेशियों के लिए शुरू होगी खास बीमा योजना

केरल के पशुपालकों के लिए खुशखबरी, मवेशियों के लिए शुरू होगी खास बीमा योजना

केरल के पशुपालकों के लिए एक खुशखबरी है. राज्य सरकार पशुओं के लिए एक योजना की शुरुआत करने जा रही है, जिसमें किसान अपने पशुओं का बीमा करा सकते हैं. इस बीमा के तहत अगर पशु को कुछ होता है तो इसका भुगतान सरकार की ओर से किया जाएगा.

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केरल के पशुपालकों के लिए खुशखबरी, मवेशियों के लिए शुरू होगी खास बीमा योजनापशुपालकों के लिए खुशखबरी

केरल के पशुपालकों के लिए एक खुशखबरी है. दरअसल, राज्य के डेयरी विकास और पशुपालन मंत्री जे चिंचुरानी ने कहा है कि केरल अपनी पूरी मवेशी आबादी को लाभ पहुंचाने के लिए एक व्यापक बीमा योजना शुरू करने जा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र ने इस योजना को मंजूरी दे दी है. वहीं, राज्य सरकार ने डेयरी क्षेत्र को समर्थन देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. इसमें पशु चिकित्सा एम्बुलेंस सेवा को राज्य की सभी ब्लॉक पंचायतों तक बढ़ाया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने बछड़ों के रखरखाव के लिए 22 करोड़ रुपये भी अलग रखे गए हैं.

राज्य में गर्मी से 550 गायों की मौत

बता दें कि इस साल गर्मी से 550 गायों की मौत का दावा किया गया. ऐसे में राज्य में चरम पर पहुंच रहे जलवायु परिवर्तन का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि इस साल केरल में गर्मी के कारण 550 गायों की मौत हो गई है. इसके लिए सरकार गाय के मालिक को प्रति गाय 37,500 रुपये का भुगतान कर रही है, जबकि चारा उत्पादन की बढ़ती लागत किसानों के अलावा मिल्मा और केरल फीड्स लिमिटेड दोनों के लिए संकट पैदा कर रही है.

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इन दो योजनाों की हुई शुरुआत

इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार ने और दो योजनाएं भी शुरू की हैं, जिसमें 'अरुणोदयम', जिसका उद्देश्य बछियों को बेहतर दूध देने वाली गायों में बदलना है. वहीं, दूसरा ‘स्नेहानुत्रम’ योजना जिसका प्रीमियम मिल्मा मालाबार संघ द्वारा डेयरी किसानों के लिए 10 रुपये के प्रीमियम पर जीवन बीमा देना है.

मिल्मा फेडरेशन के चेयरमैन ने क्या कहा 

मिल्मा फेडरेशन के चेयरमैन केएस मणि ने कहा कि डेयरी किसानों को सार्वजनिक संस्थाओं और सहकारी क्षेत्र के खिलाफ सभी गतिविधियों से लड़ने और उन्हें हराने का संकल्प लेना चाहिए. आज मिल्मा ने किसी भी कॉर्पोरेट संस्था के साथ पेशेवर रूप से मुकाबला करने की क्षमता हासिल कर ली है. साथ ही, मिल्मा अपनी आय का 83 प्रतिशत किसानों को देकर सार्वजनिक क्षेत्र में कल्याणकारी योजनाओं के मॉडल के रूप में आगे बढ़ रहा है. 

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