बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है. 80 प्रतिशत से अधिक आबादी की आजीविका कृषि पर ही निर्भर है. यहां पर किसान धान, गेहूं, चावल और दलहन के साथ- साथ बड़े स्तर पर बागवानी फसलों की भी खेती करते हैं. खास कर मखाना उत्पादन के मामले में बिहार का कोई जोड़ नहीं है. मिथिलांचल क्षेत्र में किसान भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में सबसे अधिक मखाने का उत्पादन करते हैं. लेकिन प्रोसेसिंग यूनिट नहीं होने की वजह से अधिक उत्पादन करने के बाद भी किसान को उतना अधिक मुनाफा नहीं होता है. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने मखाना उत्पादक किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए सब्सिडी देने का फैसला किया है.
दरअसल, बिहार सरकार का भी मानना है कि मखाना उत्पादक राज्य होने के बावजूद भी बिहार के किसान उचित मुनाफा नहीं कमा पा रहे हैं. चूंकि फूड प्रोसेसिंग यूनिट के अभाव की वजह से किसान ओने- पौने दाम पर अपनी उपज को बेचने पर मजबूर हैं. यदि प्रदेश में मखाना प्रोसेसिंग यूनिट को बढ़ावा दिया जाए, तो किसानों की कमाई बढ़ जाएगी. साथ ही किसान आत्मनिर्भर भी बनेंगे.
यही वजह है कि सरकार ने बिहार कृषि प्रोत्साहन नीति के तहत प्रदेश में मखाना प्रोसेसिंग यूनिट को बढ़ावा देने का प्लान बनाया है. इसके लिए सरकार प्रोसेसिंग यूनिट लगाने वाले को सब्सिडी दे रही है. जो किसान सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं, वे उद्यान निदेशालय के वेबसाईट https://horticulture.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
खास बात यह है कि अगर आप प्रोसेसिंग यूनिट खोलने के लिए व्यक्तिगत, पार्टनरशिप, समिति या किसी कंपनी के जरिए निवेश करना चाहते हैं, तो आपको 15 प्रतिशत तब सब्सिडी मिलेगी. वहीं, किसान उत्पादक कंपनियों को 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी. इसके लिए किसानों को समय रहते आवेदन करना होगा. अगर किसान अधिक जानकारी जानकारी हासिल करना चाहते हैं, तो जिला उद्यान अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं.
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बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति अंतर्गत मखाना प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना पर अनुदान का लाभ उठाएं। अधिक जानकारी एवं ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आज ही उद्यान निदेशालय के वेबसाईट https://t.co/qza8abWLzL पर visit करें। #Agriculture #Makhana #BAIPP #Horticulture #Bihar pic.twitter.com/D5ZVYohnRO
— Directorate Of Horticulture, Deptt of Agri, Bihar (@HorticultureBih) January 4, 2024
बता दें कि मिथिला के माखाना को जीआई टैग मिला हुआ है. दरभंगा, सुपौल, मधुबनी और समस्तीपुर जिले में किसान सबसे अधिक मखाने की खेती करते है. अकेले मधुबनी जिले में ही 25 हजार से ज्यादा तालाब हैं, जिसमें किसान मखाना उगाते हैं. ऐसे देश में लगभग 15 हजार हेक्टेयर में मखाने की खेती की जाती है. बिहार की हिस्सेदारी 80 से 90 फीसदी है. ऐसे देश में मखाने का कुल कारोबार लगभग 550 करोड़ रुपए का है. वहीं, 120,000 टन बीज मखाने का उत्पादन होता है, जिससे 40,000 टन मखाने का लावा निकलता है.
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