वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में किसानों के लिए प्रधानमंत्री धनधान्य कृषि योजना का ऐलान किया है. राज्यों के साथ सरकार ये योजना चलाएगी. 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलेगी. इस बजट में इस नई योजना की शुरुआत की गई है. यह योजना कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए शुरू की जा रही है.
वित्त मंत्री ने कृषि पर मुख्य ध्यान केंद्रित करते हुए कुछ विशेष प्रस्तावों की रूपरेखा प्रस्तुत की. प्रधानमंत्री कृषि योजना के तहत, जो कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता से प्रेरित एक नई पहल है, सरकार राज्यों के साथ साझेदारी में कृषि जिला कार्यक्रम शुरू करेगी. यह कम उत्पादकता, मध्यम फसल सघनता और औसत से कम ऋण मापदंडों वाले 100 जिलों को लक्षित करेगा.
पीएम कृषि धन्य धान्य योजना के बारे बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य फसल विविधीकरण, टिकाऊ खेती के तरीकों, पंचायत और ब्लॉक स्तर पर कटाई के बाद भंडारण को बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार और दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋण दोनों तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने के माध्यम से कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देना है. इस पहल से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है.
पीएम कृषि धन्य धान्य योजना में 100 जिले शामिल होंगे. इसके उद्देश्य हैं - फसल विविधीकरण, भंडारण क्षमता में वृद्धि, सिंचाई में सुधार और किसानों के लिए दीर्घावधि और अल्पावधि ऋण की सुविधा प्रदान करना. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना होगी. इससे बिहार के लाखों मखाना किसानों को फायदा होगा.
आज के बजट में दलहन के लिए आत्मनिर्भरता मिशन की शुरुआत की गई है. यह दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाने के उद्देश्य से 6 वर्षों तक चलने वाला कार्यक्रम होगा. वित्त मंत्री ने कहा कि असम में यूरिया आपूर्ति को और बढ़ाने के लिए यूरिया प्लांट लगाया जाएगा. असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाला प्लांट स्थापित किया जाएगा. पूर्वी क्षेत्र में 3 निष्क्रिय यूरिया प्लांट को फिर से खोला गया.
वित्त मंत्री ने सब्जियों और फलों के लिए एक व्यापक कार्यक्रम पर प्रकाश डाला, जिसमें लोगों में उनकी पोषण संबंधी आवश्यकताओं के बारे में बढ़ती जागरूकता को स्वीकार किया गया. वित्त मंत्री ने कहा कि यह बदलाव एक स्वस्थ समाज को दर्शाता है, जिसमें बढ़ती आय के स्तर के कारण सब्जियों, फलों और अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थों की खपत में वृद्धि हुई है. सरकार का लक्ष्य इन आवश्यक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता और पहुंच को और बढ़ावा देने के लिए लक्षित पहलों के साथ इस प्रवृत्ति का समर्थन करना है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बेहतर पोषण का लाभ आबादी के व्यापक वर्ग तक पहुंचे.
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पकालिक ऋण की सुविधा प्रदान करना जारी रखेंगे. इसके अतिरिक्त, संशोधित ब्याज छूट योजना के तहत केसीसी के माध्यम से लिए गए ऋणों के लिए ऋण सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी जाएगी, जिससे कृषि उत्पादन के लिए अधिक वित्तीय सहायता मिलेगी.
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