
राजस्थान सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि आधारित उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए एक अहम फैसला लिया है. राज्य सरकार अब किसानों को फल और सब्जी प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी. इस योजना का मकसद खेतों में पैदा होने वाली फल-सब्जियों की बर्बादी को कम करना, किसानों को बेहतर दाम दिलाना और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा करना है.यह योजना उद्यानिकी विभाग के तहत चलाई जा रही है.
इसके अंतर्गत किसान फल-सब्जी की ग्रेडिंग, सफाई, कटिंग, पैकेजिंग, ड्राइंग, जैम-जेली, अचार, जूस जैसी यूनिट स्थापित कर सकते हैं. सरकार इन यूनिट्स की लागत पर 50 फीसदी तक अनुदान देगी, जिससे किसानों पर शुरुआती निवेश का बोझ कम होगा. सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, फल-सब्जी यूनिट लगाने पर प्रोजेक्ट की लागत का अधिकतम 50 प्रतिशत या तय सीमा तक सब्सिडी दी जाएगी. सब्सिडी का असल अमाउंट यूनिट के प्रकार, क्षमता और लागत पर निर्भर करेगा. छोटे और सीमांत किसानों को इस योजना में विशेष प्राथमिकता दी जा रही है. योजना के तहत किसानों को फल-सब्जी यूनिट (जैसे पॉलीहाउस, पैक हाउस) लगाने पर सब्सिडी मिलती है.
राजस्थान में फल और सब्जियों का उत्पादन तो अच्छा होता है लेकिन स्टोरेज और प्रोसेसिंग की कमी के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. इस योजना से किसान अपनी उपज को प्रोसेस करके ज्यादा समय तक सुरक्षित रख सकेंगे. साथ ही बाजार में उन्हें बेहतर कीमत भी मिलेगी. प्रोसेसिंग यूनिट से गांव स्तर पर रोजगार भी पैदा होगा. योजना के लिए व्यक्तिगत किसान किसान समूह, स्वयं सहायता समूह (SHG), एफपीओ यानी किसान उत्पादक संगठन आवेदन कर सकते हैं. आवेदक का राजस्थान का स्थायी निवासी होना जरूरी है और उसके पास कृषि भूमि या वैध लीज होनी चाहिए.
फल-सब्जी यूनिट पर सब्सिडी पाने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है.
आवेदन के बाद संबंधित विभाग द्वारा दस्तावेजों की जांच की जाएगी. जांच पूरी होने और यूनिट स्थापित होने के बाद सब्सिडी की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी. फल-सब्जी यूनिट पर 50 फीसदी सब्सिडी की यह योजना राजस्थान के किसानों के लिए खेती के साथ-साथ एग्री बिजनेस शुरू करने का शानदार अवसर है. सही प्लानिंग और जानकारी के साथ इस योजना का लाभ उठाकर किसान अपनी आमदनी को कई गुना बढ़ा सकते हैं.
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